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उज्जैन

सिंथेटिक दूध चढ़ाने से खराब हो रहा उज्जैन का महाकाल ज्योतिर्लिंग

भगवान महाकाल की प्रतिमा क्षरण को लेकर संत और महामंडलेश्वर ने ने चेताया, जिम्मेदार बरत रहे लापरवाही

उज्जैनJun 23, 2023 / 01:07 pm

deepak deewan

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भगवान महाकाल की प्रतिमा क्षरण

उज्जैन. महाकाल ज्योतिर्लिंग लगातार खराब होता जा रहा है। ज्योतिर्लिंग के क्षरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत रिपोर्ट में भी साफ तौर पर कहा गया है कि यदि बाबा की प्रतिमा को सुरक्षित रखना है तो अभी से संभलना होगा अन्यथा ओंकारेश्वर मंदिर जैसी स्थिति बन जाएगी। कोर्ट द्वारा इस संबंध में बार.बार दिशानिर्देश जारी किए जाते रहे हैं लेकिन लापरवाही अभी भी जारी है। इस संबंध में अब स्थानीय संत व महामंडलेश्वर ने भी चेताया है।
वाल्मीकि धाम के पीठाधीश्वर संत बालयोगी उमेशनाथ महाराज ने कहा पशुपतिनाथ नेपाल, दक्षिण में मंदिरों के अंदर किसी को प्रवेश नहीं दिया जाता। दुनिया की बड़ी से बड़ी हस्ती भी बाहर से प्रणाम करती है, महाकाल मंदिर में भी यह नियम लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान की आरती इसलिए की जाती है ताकि भगवान सुरक्षित रहें।
महामंडलेश्वर अतुलेश्वरानंद सरस्वती आचार्य शेखर का कहना है कि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं से जल दूध न चढ़वाएं बल्कि पुजारी द्वारा ही जल.दूध आदि अर्पण किया जाए। बाकी अन्य श्रद्धालु यदि जल या दूध अर्पण करें तो उस समय बाबा महाकाल पर मुकुट पहनाया जाए, इससे क्षरण रुकेगा। अन्य कई देवालयों में इस प्रकार की व्यवस्था की गई है।
सिंथेटिक दूध दही नहीं चढ़ने दें
ज्योतिर्विद पंडित आनंदशंकर व्यास ने कहा कि वर्षों से बाबा महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पर भस्मी चढ़ाई जा रही है। यदि भस्मी से क्षरण होना होता तो कब का हो गया होता। उन्होंने कहा कि महाकाल का यह क्षरण सिंथेटिक चीजों से हो रहा है। सिंथेटिक दूध, दही आदि के कारण महाकाल का क्षरण हो रहा है। उनपर चढ़ाया जा रहा शहद, घी आदि शुद्ध नहीं होने से भी क्षरण की स्थिति बन रही है। भस्म तो बाबा पर सदियों से चढ़ रही है उससे कोई हानि नहीं होती है।
महाकाल की सुरक्षा जरूरी
महामंडलेश्वर शांतिस्वरूपानंद गिरि महाराज ने कहा कि बाबा की प्रतिमा पर चांदी का आवरण पहना दिया जाए। जब भस्मी चढऩी हो या अन्य पंचामृत पूजा करनी हो तो उसे हटा लिया जाए। इससे सुरक्षा हो जाएगी और परंपरा भी नहीं टूटेगी। लोगों को यदि प्रवेश प्रतिबंधित करेंगे तो भक्तों की आस्था आहत होगी। इसलिए दूसरा उपाय करना चाहिए।

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