ज्योतिर्विद पंडित आनंदशंकर व्यास ने कहा कि वर्षों से बाबा महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पर भस्मी चढ़ाई जा रही है। यदि भस्मी से क्षरण होना होता तो कब का हो गया होता। उन्होंने कहा कि महाकाल का यह क्षरण सिंथेटिक चीजों से हो रहा है। सिंथेटिक दूध, दही आदि के कारण महाकाल का क्षरण हो रहा है। उनपर चढ़ाया जा रहा शहद, घी आदि शुद्ध नहीं होने से भी क्षरण की स्थिति बन रही है। भस्म तो बाबा पर सदियों से चढ़ रही है उससे कोई हानि नहीं होती है।
महामंडलेश्वर शांतिस्वरूपानंद गिरि महाराज ने कहा कि बाबा की प्रतिमा पर चांदी का आवरण पहना दिया जाए। जब भस्मी चढऩी हो या अन्य पंचामृत पूजा करनी हो तो उसे हटा लिया जाए। इससे सुरक्षा हो जाएगी और परंपरा भी नहीं टूटेगी। लोगों को यदि प्रवेश प्रतिबंधित करेंगे तो भक्तों की आस्था आहत होगी। इसलिए दूसरा उपाय करना चाहिए।