हालांकि यह पहला मामला नहीं है जब प्रहरी नशीला पदार्थ ले जाते हुए पकड़ाया हो। इसके पहले आधा दर्जन से ज्यादा वारदात सामने आ चुकी है। नशीले पदार्थ सहित नकदी लाते ले जाते हुए भी जेल प्रहरी पकड़ाए हैं। प्रहरी को तुरंत निलंबित किया है। इसके अलावा विभागीय जांच शुरू कर दी। जानकारी लगी है कि आरोपी कैदियों को यह चरस सप्लाई करने वाला था।
प्राइवेट पार्ट में बांध रखी थी चरस
अधीक्षक मनोज साहू ने बताया कि जेल प्रहरी राम खिलाड़ी के बारे में संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त होने की जानकारी मिली थी। शनिवार- रविवार रात 2 से 6 बजे के बीच उसकी ड्यूटी लगी थी। रात 2 बजे जब वह ड्यूटी करने पहुंचा तो उसकी चेकिंग की गई। चेकिंग के दौरान उसका अंडरगारमेंट्स उतरवाया तो पता चला कि उसने अपने प्रायवेट पार्ट में 20 ग्राम चरस बांध रखी थी। ये भी पढ़ें: एमपी में बनेगा नया ‘कॉरिडोर’, ली जाएगी 17 गांवों की जमीन 1 हजार की पुड़िया बिकती है 5 हजार में
जानकारी लगी है कि जेल के अंदर मादक पदार्थ पहुंचाने का काम जेल के प्रहरी ही करते हैं। ये 500 रुपए के मादक पदार्थ की पुडिय़ा को 4 से 5 हजार में कैदियों को बेचते हैं। इसके अलावा जेल में रुपए पहुंचने की भी जानकारी लगी है। हालांकि जेल प्रशासन का कहना है कि प्रहरियों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी से लेकर उनकी ड्यूटी पर जाने और आने के समय चेकिंग की जाती है।
पहले भी मामले आ चुके सामने
-साल 2021 और 22 में भी जेल में मादक पदार्थ सप्लाई करते जेल प्रहरी पकड़ा चुके हैं। नवंबर 21 में तत्कालीन अधीक्षक और अब जीपीएफ ठगी की आरोपी उषाराज ने प्रहरी शाहरूख, यशपाल कहार और बलराम को मुंह में दबाकर चरस ले जाते हुए पकड़ा था। -इसी दौरान प्रहरी दीपक करण को भी मौजे में चरस छिपाकर ले जाते हुए पकड़ा था। -अप्रेल 2022 में उषाराज ने ही प्रहरी राजेश उमेडकर को सीटी में भरकर चरस सप्ताई करते हुए पकड़ा था। उसके पास से 20 हजार नकदी भी मिली थी। बाद में निलंबन की कार्रवाई भी हुई थी।
-सुरेश मरमट भी गांजा तस्करी में पकड़ा चुका है। -वहीं 2023 में जेल प्रहरी राधेश्याम रावल को अधीक्षक मनोज साहू ने 19 हजार 100 रुपए के साथ पकड़ा था।