यह दो माह का बच्चा था। ये बच्चा
शहीद जवान सुदर्शन वेट्टी का था। वह मां की गोद में कपड़ों में लिपटा हुआ था। वह बेखबर था। उसको तो पता भी नहीं है कि उसके सिर से पिता का साया उठ चुका है। इस बच्चे को सीएम साय ने गोद में लेने का प्रयास किया। हालांकि वह बच्चे को गोद में नहीं ले सके लेकिन उसे देख भावुक हो गए और उसके सिर पर हाथ घुमाया। इसी दुधमुंहे ने पिता को मुखाग्रि दी। जिसने पापा कहना नहीं सीखा उसने अपने पुत्र होने का धर्म निभाया।
सभी की आंखों से आंसू छलके
पिता के अंतिम संस्कार के लिए दो माह के बच्चे को उसके दादा ने गोद में उठाया व पिता की चिता तक लेकर गए। दादा की आखों में आंसू थे। दोहरे दर्द से वे सिसक कर कराह रहे थे। उन्होंने जिस बेटे को खो दिया, उसी का दो माह का बच्चा उनकी गोद में था। इस मार्मिक दृश्य को देख वहां मौजूद हर किसी की आंख में आंसू छलक पड़े। मैं अपने बेटे को बड़ा होकर पुलिस जवान बनाऊंगी
प्रमिलावती ने बताया कि एक साल पहले ही उन दोनों का विवाह हुआ था। उन्होंने बेहद आक्रामक तेवर से कहा, ’’
नक्सलियों को इससे भी ज्यादा भयानक मौत मिलेगी। उन्होंने बड़े साहस के साथ कहा, ‘मैं अपने बेटे को बड़ा होकर पुलिस जवान बनाऊंगी, ताकि वह अपने पिता की हत्या का बदला ले सके और देश सेवा करने का जज्बा पैदा कर सके’।
सीएम ने दिया कांधा, बोले- हिंसा और आतंक सहन नहीं करेंगे
इससे पहले ब्लास्ट में शहीद जवानों एवं वाहन चालक के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नक्सलियों को चेतावनी देते हुए कहा कि राज्य में हिंसा और आतंक को किसी भी हालत में सहन नहीं किया जाएगा, नक्सलियों के खात्मे तक सुरक्षाबलों का अभियान लगातार जारी रहेगा। हमारी सरकार मार्च 2026 तक प्रदेश में नक्सलवाद समाप्त होकर ही रहेगा।