Delhi Assembly Election: दिल्ली में आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच ही कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है। वहीं, कांग्रेस अगर अपने मतदान प्रतिशत में सुधार कर पाई तो यह आप के लिए मुश्किल पैदा करने वाली और भाजपा के लिए फायदेमंद साबित होगी। दिल्ली में आप की सरकार का यह तीसरा टर्म है। पहली बार 2013 में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में कांग्रेस के सहयोग से यहां आप ने सरकार का गठन किया था। यह सरकार ज्यादा समय तक चल नहीं पाई थी और अरविंद केजरीवाल ने स्वयं ही कांग्रेस का साथ छोड़ दिया था। बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव का बिगुल मंगलवार को बज गया। 5 फरवरी को दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी और 8 फरवरी को परिणाम घोषित किया जाएगा।
-2013 में आप को 28, भाजपा को 31 और कांग्रेस को 8 सीट मिली। आप-कांग्रेस ने सरकार बनाई। -2015 में आप को 67 सीट, भाजपा को तीन सीट मिली। कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया। -2020 में आप 62 सीट पर जीती। आठ सीटें भाजपा के खाते में गई। कांग्रेस का खाता नहीं खुल पाया।
कांग्रेस के वोट बैंक में आप की सेंधमारी
पिछले तीन चुनावों को देखकर कहा जा सकता है कि कांग्रेस के वोट बैंक में आप ने जबर्दस्त सेंधमारी की। जबकि, भाजपा अपना वोट प्रतिशत बचाए रखने में कामयाब रही और 2020 के चुनाव में तो उसके वोट प्रतिशत में इजाफा ही हुआ है।
वोट प्रतिशतः
-2013 में कांग्रेस को 24.55 प्रतिशत, आप को 29.49 प्रतिशत तो भाजपा को 33.07 प्रतिशत वोट आए। -2015 में आप को 54.34 प्रतिशत, भाजपा को 32.19 प्रतिशत और कांग्रेस को 9.65 प्रतिशत वोट मिले। -2020 में आप को 53.57 प्रतिशत, भाजपा को 38.51 प्रतिशत और कांग्रेस को सिर्फ 4.26 प्रतिशत वोट।
दिल्ली में तीसरी बार सरकार बनाने के मकसद से केजरीवाल ने निम्न पांच घोषणाएं की हैं।
1- ‘महिला सम्मान योजना’ के तहत महिलाओं को 2100 रुपये दिए जाएंगे। 2- बुजुर्गों के लिए ‘संजीवनी योजना’ इसके तहत 60 वर्ष या इससे अधिक उम्र के बुजुर्गों का फ्री में इलाज होगा।
3- ऑटो चालकों के परिवार में बेटी की शादी पर 1 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। 4- दलित छात्रों के लिए अंबेडकर स्कॉलरशिप, इस योजना के तहत दिल्ली सरकार दलित छात्रों की पढ़ाई का खर्च उठाएगी।
कांग्रेस ने सोमवार को घोषणा की कि अगर पार्टी आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में सत्ता में आती है, तो वह महिलाओं के लिए ‘प्यारी दीदी योजना’ के तहत 2,500 रुपये मासिक सहायता प्रदान करेगी। यह योजना मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की ‘लाडली बहना’ योजना से प्रेरित है। कांग्रेस की यह पहल सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की ‘महिला सम्मान योजना’ को टक्कर देने के लिए तैयार की गई है। इस घोषणा से यह स्पष्ट है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों का मुख्य ध्यान महिला मतदाताओं पर केंद्रित है।
बीजेपी की ‘लाडली बहना योजना’
प्रधानमंत्री ने संकेत दिया है कि दिल्ली में भी ‘लाडली बहना कार्ड’ की तर्ज पर एक योजना शुरू की जाएगी, जैसा कि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में पहले से लागू है। इसके साथ ही, आम आदमी पार्टी (आप) ने वादा किया है कि यदि वह चौथी बार सत्ता में आती है, तो दिल्ली की हर महिला को 2,100 रुपये मासिक सहायता दी जाएगी। इस उद्देश्य के लिए ‘आप’ ने ‘महिला सम्मान योजना’ के तहत रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू कर दी है और महिलाओं को पीले कार्ड का वितरण भी किया जा रहा है। पार्टी को उम्मीद है कि यह योजना महिलाओं को आकर्षित करेगी और चुनाव में उन्हें बढ़त दिलाने में मददगार साबित होगी।
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