महाकाल के मंदिर के नाम की ये जमीनें प्रदेश के इंदौर, देवास, रतलाम और मंदसौर जिलों में स्थित हैं। उज्जैन में तो बहुत जमीन है. कलेक्टर आशीष सिंह के मुताबिक ये जमीन भक्तों ने महाकाल को दान में दी हैं। इनमें से कई जमीनों पर अतिक्रमण हो चुका है वहीं, कुछ जमीनों पर विवाद है और कोर्ट में केस चल रहा है।
बताया जाता है कि अधिकांश जमीन बेशकीमती हैं पर इनमें से कुछ का जरा भी राजस्व नहीं मिलता। ऐसी जमीनों को चिन्हित कर उन्हें बेचकर उज्जैन में नई जमीन खरीदी जाएगी, जिससे इनका उपयोग मंदिर में होने वाले कार्यों के लिए हो सकेगा। जिला प्रशासन ये काम जल्द ही करना चाहता है हालांकि ऐसा करने में प्रशासन को कई मुश्किलें भी आएंगी।
गौरतलब है कि महाकाल को प्रदेशभर में 84.132 बीघा जमीन दान स्वरूप मिली है। इनमें उज्जैन में 0.627 हेक्टेयर, बामोरा में 11.05 हेक्टेयर, निमनवासा में 9.040 हेक्टेयर, मंगरोला- 5.220 हेक्टेयर, चिंतामन जवासिया में 7.40 हेक्टेयर और देवास के राला मंडल- 10.600 हेक्टेयर जमीन शामिल हैं.