UdaipurWeatherAlert: नौ तपा, नहीं तपा : बादल गरजे, बूंदाबांदी, हवाओं का जोर
पहले धोती थीं कपड़े और बर्तनशशिकला कहती हैं, मेरी शादी 19 साल की उम्र में हो गई थी। मैं नाथद्वारा के पास एक छोटे से गांव ओड़ा में रहती थी और शादी के बाद उदयपुर आ गई। तब मैं ठीक से हिंदी भी नहीं बोल पाती थी, मेवाड़ी में ही बात करती थी। दो बेटों के होने के बाद वर्ष 2001 में पति की मृत्यु हो गई और मैं अकेली रह गई। उस समय उदयपुर के जगदीश चौक के गणगौर घाट क्षेत्र में रहती और गुजारा चलाने के लिए विदेशियों के कपड़े व बर्तन धोया करती थी।
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एक विदेशी ने की खाने की तारीफशशिकला कहती हैं कि एक दिन आयरलैंड का एक व्यक्ति आया और वह भारतीय खाने का शौकीन था। दोनों बेटे उसे घर ले आए और मेरे हाथ का खाना खिलाया तब उसने कुकिंग क्लास खोलने का आइडिया दिया। तब मुझे बहुत घबराहट हुई कि ऐसा संभव नहीं है लेकिन बेटों ने हिम्मत और आत्मविश्वास बढ़ाया तब मैंने कुकिंग क्लास शुरू की।