करंट फैलने पर घर में सो रहे अन्य सदस्य भाग कर निकले और जान बचाई मवेशियों को मरते देख पीड़ित परिवार खूब विलाप करने लगा और आक्रोश भी व्यक्त करने लगा कि 2013 से कई बार ग्राम पंचायत से लेकर विद्युत विभाग तक को सूचना दी लेकिन अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया। जिसका नतीजा यह रहा कि मवेशियों को काल का ग्रास बनना पड़ा। हालांकि घटना के बाद भी सूचना दी गई लेकिन कोई मौके पर नहीं पहुंचा जिस से काफी देर तक करंट प्रवाहित होता रहा पीड़ित अत्यंत निर्धन परिवार है और पशुपालन से ही उसका गुजारा चलता है इस करंट के दौरान कई मवेशी तो खूंटे से रस्सी तोड़कर भाग निकले जिस से बच गए. ग्रामीणों ने पीड़ित परिवार को मुआवजा की मांग की है
वहीं दूसरी ओर भीलवाड़ा की करेड़ा तहसील कार्यालय के बाहर 11 हजार केवी विद्युत लाइन के ट्रांसफार्मर के अर्थिंग से करंट लगने से एक गोवंश की मौत हो गई। सूचना पर बजरंग दल व विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं ने मोके पर पहुंच विभाग को सूचना दी। एक घंटे से अधिक समय हो जाने के बाद भी विभाग का कोई अधिकारी व कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचने से कार्यकर्ताओं में रोष फैल गया। डेढ घंटे बाद पहुंचे विभाग के कनिष्ठ अभियन्ता व लाइनमैन के पहुंचने पर संगठन के कार्यकर्ता सहायक अभियंता को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़ गए। बाद में तहसीलदार गोपालदास वैष्णव व सहायक अभियंता हवासिंह गुर्जर मौके पर पहुंचे तथा कार्यकर्ताओं से समझाइश कर कस्बे में जहां—जहां लगे ट्रांसफार्मर के चारों तरफ तारबंदी और सुरक्षा के आश्वासन के बाद संघटन के कार्यकर्ता माने।