सदर थाना पुलिस ने बताया कि मृतक अहमदपुरा चौकी निवासी दिलखुश (22) पुत्र सूरजमल मीणा तथा उसके चाचा का पुत्र सोनू (18) पुत्र महावीर मीणा है। वहीं झुलसने वालों में ताऊ अर्जुन (50) तथा उसका भाई महावीर (45) पुत्र सूरजकरण मीणा है।
ग्रामीण तुलसीराम मीणा के मुताबिक सभी लोग गांव के समीप खेत पर घर बनाकर रहते हैं। सुबह खेत में रंजका काट रहे थे। इस दौरान अचानक बिजली करंट आने से दिलखुश उसकी चपेट में आ गया। उसे बचाने के लिए पहले सोनू और बाद में अर्जुन और महावीर दौड़े। उनके चिल्लाने पर ग्रामीण आए और उन्हें निजी वाहन से सआदत अस्पताल लेकर आए। जहां चिकित्सकों ने दिलखुश और सोनू को मृत घोषित कर दिया। वहीं अर्जुन और उसके भाई महावीर का उपचार जारी है। अस्पताल पहुंचे पूर्व विधायक अजीत मेहता ने बिजली निगम की लापरवाही बताते हुए मृतकों के परिजनों को आर्थिक मुआवजा तथा विद्युत निगम समेत अन्य योजनाओं में लाभ दिलाए जाने की मांग की।
बड़ी बहन सरिता स्वस्थ होकर घर लौटी, छोटी बहन ने दम तोड़ा, छाया मातम
बाद में अधीक्षण अभियंता बीएस मीणा, अधिशासी अभियंता सीताराम जांगिड़ अस्पताल पहुंचे। जिन्होंने बिजली निगम की तरफ से दोनों मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए दिए जाने घोषणा की। इसके बाद शवों को उठाया गया। मेहता ने कहा कि चिरंजीवी योजना में 10 लाख रुपए की बीमा राशि की घोषणा की थी। लेकिन जिला प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को सिर्फ 5-5लाख रुपए दिए जाने की घोषणा करना गलत है। अस्पताल में सरपंच संघ प्रदेश उपाध्यक्ष हंसराज फागणा, फोरु मीणा, तुलसी मीणा भी पहुंचे। वार्ता के दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर शिवचरण मीणा, उपखंड अधिकारी लोकेश कुमार, पुलिस उपाधीक्षक सलेह मोहम्मद भी सआदत अस्पताल पहुंचे।
आंधी से गिर गई थी डीपी
ग्रामीणों का कहना है कि मृतक के खेत के नजदीक ही गत 25 मई को आए तूफान से डीपी गिर गई थी। साथ ही तार भी टूट गए थे। शिकायत के बावजूद डीपी व तार को ठीक नहीं किए जाने से यह हादसा हुआ है।
एक साथ रहते हैं सभी
ग्रामीणों के मुताबिक दिलखुश के पिता सूरजमल मीणा की गत सालों में मौत हो गई। ऐसे में उसका मां का पुनर्विवाह हो गया। ऐसे में वह चाचा महावीर के परिवार के साथ रहता था। अर्जुन के पुत्र नहीं पर वह भी छोटे भाई महावीर के साथ ही रहता है। डेढ़ महीने पहले ही दिलखुश का विवाह हुआ था। हादसे बाद गांव में गमगीन माहौल है।