ग्रामीणों को हुए नुकसान का मुआवजा दे सरकार
पायलट ने
राजस्थान सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि अगर सरकार का नियंत्रण नहीं है, कानून व्यवस्था बनाए रखने में आपकी रुचि नहीं है तो इसका खामियाजा जनता क्यों भुगते। उन्होंने कहा कि इस पूरी घटना के दौरान जिन नागरिकों के निजी संपत्तियों की क्षति हुई है, सरकार को उन्हें मुआवजा देना चाहिए। मतदान के बाद हुई हिंसा को लेकर पायलट ने कहा कि हिंसा को किसी भी एंगल से जायज नहीं ठहराया जा सकता, लेकिन जिस तरह से सरकार सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल कर नागरिकों पर आक्रमण किया, उसे कौन जायज ठहरा सकता है?
जानें पूरा मामला
दरअसल, उपचुनाव में वोटिंग के दिन यानी 13 नवंबर को देवली-उनियारा के निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना ने गुस्से में आकर समरावता गांव के एक बूथ पर एसडीएम को थप्पड़ मार दिया था। इस घटना के बाद हालात तनावपूर्ण हो गए। नरेश मीना समरावता गांव में धरने पर बैठ गए। देर शाम पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने धरना स्थल पर पहुंची। नरेश मीना को हिरासत में लेने के बाद समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प हुई, जो देर रात तक जारी रही। इस दौरान समर्थकों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वाहनों को आग के हवाले कर दिया और पुलिस पर पथराव की घटनाएं भी सामने आई।