दरअसल, घटना के बाद SDM अमित कुमार ने
नरेश मीणा पर FIR दर्ज करवाई है। नरेश मीणा की गिरफ्तारी भी हो गई है। उधर, इस मामले में RAS एसोसिएशन ने पेन डाउन हड़ताल का ऐलान किया है। बताते चलें कि लेकिन नरेश मीणा के गिरफ्तारी के बाद प्रदेश में कई जगहों पर खूब उपद्रव मचा है। नरेश मीणा के समर्थकों ने खूब बवाल मचाया है।
गांव में बाहर से बुलाई भीड़- कलक्टर
टोंक कलक्टर सौम्या झा ने कहा कि, “समरावता की घटना के बाद हमनें जिन 60 लोगों को डिटेन किया जिसमें 50 से ज्यादा बाहर के हैं, ऐसे में यही बात सामने आ रही है कि पूरी घटना को बाहर के लोगों ने अंजाम दिया है और पूरी प्लानिंग के साथ दिया है….समरावता गांव की मांगे वाजिब थी जो प्रशासन और जनता के बीच की थी जिन पर राजनीतिक सिक्का जमाने की कोशिश की गई।” आगे कलक्टर सौम्या झा ने कहा कि समरावता गांव में चल रहे विरोध-प्रदर्शन के दौरान मैंने निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना से बात करनी चाही। उन्हें 6 कॉल भी किए, लेकिन उन्होंने एक भी कॉल नहीं उठाया। फिर मैंने एसडीएम और अतिरिक्त जिला कलक्टर रामरतन सौंकरिया को मौके पर भेजा। उन्होंने भी अपने मोबाइल फोन से नरेश मीना की मेरे से बात करानी चाही, लेकिन नरेश मीना ने बात नहीं की।
जिला कलक्टर ने कहा कि चुनाव में निर्वाचन अधिकारी एक ही जगह होते हैं और केन्द्रीय रहते हुए कार्य करना होता है। फिर भी अतिरिक्त जिला कलक्टर पूरे टाइम वहीं थे और उनकी बात सुन रहे थे। मुझे वहां बुलाने की मांग भी नहीं रखी थी।
यह था पूरा मामला
टोंक जिले की नगरफोर्ट तहसील की ग्राम पंचायत कचरावता के समरावता गांव में जबरन वोटिंग का विरोध करते हुए नरेश मीणा ने प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाया। बहस के दौरान एरिया मजिस्ट्रेट व मालपुरा एसडीएम अमित चौधरी के साथ विवाद बढ़ गया और नाराज होकर मीणा ने थप्पड़ मार दिया। इसके बाद उन्होंने प्रशासन के खिलाफ धरना शुरू कर दिया।