वहीं 24 अप्रेल से संगठन की ओर से कार्य का बहिष्कार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 4 अक्टूबर 2021 को में जारी अपील के अनुसार राजस्थान राजस्व सेवा परिषद की ओर से अपना आंदोलन स्थगित कर दिया गया था। वहीं इस दौरान प्रमुख शासन सचिव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में राजस्थान राजस्व सेवा परिषद व राज्य सरकार के मध्य सीएमआर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की उपस्थिति में लिखित समझौता हुआ था। इसके तहत उक्त समझौते का अभी तक क्रियान्वयन नहीं हुआ है।
ये है प्रमुख मांगें: नायब तहसीलदार का पद शत-प्रतिशत पदोन्नति पर घोषित कराना, सीधी भर्ती के आरटीएस को सीधे तहसीलदार पद पर करना, तहसीलदार सहवाग के पद 50प्रतिशत पदोन्नति से एवं 50 प्रतिशत सीधी भर्ती से करना। पटवारी भूअभिलेख निरीक्षक, नायब तहसीलदार, वह तहसीलदार का कैडर पुनर्गठन किया जाकर आवश्यकता अनुसार नवीन पद सृजित करना है।
भू अभिलेख निरीक्षण व पटवारी के पदों का फील्ड में 13 अनुसार गठन करना। आरएस केडर का रिव्यू करवाई जाने तथा तहसीलदार से आरएसके जूनियर स्केल में रिक्त पदों को डीपीसी पदोन्नति से भरे जाने को लेकर। पटवारी व भूअभिलेख निरीक्षक के लिए स्थाई स्पष्ट स्थानांतरण नीति बनाए जाने का निर्णय होना है। इस दौरान राजस्व सेवा परिषद के दामोदर प्रसाद शर्मा, धोलूराम मीणा, धीरेंद्र ङ्क्षसह राजावत, मनोज गुर्जर, राजमल राव, ओमप्रकाश शर्मा, रामङ्क्षसह शर्मा, वीरेंद्र गुर्जर, राजेंद्र मीणा,सुनीता ङ्क्षसह, रमा मीणा, गुड्डी चौधरी, ममता चौधरी, दीप्ति शर्मा, रेणुका वर्मा, सुनीता ङ्क्षसह, साधना कुमावत,अंसार जाट, सीमा मीणा सहित कई मौजूद थे।