Naresh Meena: नरेश मीना थप्पड़कांड, 30 से ज्यादा वाहन फूंके, 14 पुलिसकर्मी और कई ग्रामीण घायल, 60 गिरफ्तार
थप्पड़कांड मामले में टोंक से जयपुर सहित पूरे प्रदेश में रही गहमागहमी, नरेश पर कार्रवाई की मांग को लेकर आरएएस की राज्यभर में हड़ताल, सचिवालय में धरना, मंत्री किरोड़ी ने समारावता गांव में घटना की ली जानकारी
Naresh Meena Arrested: विधानसभा उप चुनाव के दौरान एसडीएम के थप्पड़ मारने के मामले में नरेश मीणा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में टोंक जिले के देवली-उनियारा क्षेत्र से लेकर जयपुर में सचिवालय तक हंगामा होता रहा। मीणा की गिरफ्तारी के बाद समरावता व आसपास के कुछ गांवों में समर्थकों ने विरोध में उपद्रव किया और कई वाहनों में आग लगाने के साथ ही टोंक-सवाई माधोपुर नेशनल हाइवे पर पुलिस पर पथराव कर दिया, टायर जलाकर रास्ता रोका।
पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और बल प्रयोग कर उनको खदेड़ा। टोंक-सवाईमाधोपुर हाईवे 116 पर अलीगढ़ के पास रास्ता रोका। उपद्रवियों ने नरेश को गिरफ्तार कर ले जाते समय रास्ते में वाहन पर पथराव कर कांच तोड़ दिए। आगजनी में 30 से ज्यादा वाहन और कई घर जल गए। ग्रामीण और 14 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। 60 से ज्यादा उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है। इधर, सचिवालय में आरएसएस एसोसिएशन के बैनर तले राजस्थान प्रशासिक सेवा के अधिकारियों ने पेनडाउन हड़ताल की और गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर बैठे। शाम को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात के लिए पहुंचे, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी।
पुलिस ने पूरे गांव को घेरकर की कार्रवाई
देवली-उनियारा में मतदान के दौरान बुधवार को समरावता गांव के बूथ पर निर्दलीय उत्याशी नरेश मीणा ने एसडीएम अमित चौधरी के थप्पड़ मारा और हाथ पकड़कर खींचा था। इस घटना के बाद रात को पुलिस ने नरेश को गिरफ्तार किया तो उपद्रव बढ़ गया। लाठीचार्ज और पथराव के बीच 30 से ज्यादा वाहनों को जला दिया। नरेश भी पुलिस गिरफ्त से भाग गया था। गुरुवार सुबह नरेश फिर गांव में पहुंचे तो पुलिस ने पूरे गांव को घेरे में लेकर दोपहर में गिरफ्तार कर लिया।
इसके बाद समर्थक भड़क उठे और टोंक-सवाईमाधोपुर हाईवे 116 के उनियारा-अलीगढ़ मार्ग व गुलाबपुरा भीलवाड़ा हाईवे 148-डी हाइवे और आसपास के समरावता, गुलाबपुरा, कचरावता गांवों में समेत अन्य मार्ग जाम कर दिए और टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस पर पथराव किया तो सुरक्षा बलों ने उपद्रवियों को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। इसके बावजूद समर्थक बार-बार हाइवे पर आते रहे और उत्पात मचाते रहे। पुलिस ने बल प्रयोग कर खदेड़ा। उपद्रवियों ने कवरेज करने गए पत्रकारों पर भी हमला कर दिया और कैमरा तोड़ दिया। गुरूवार शाम को कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीना भी समरावता गांव पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से निर्दोष लोगों को गिरफ्तार नहीं करने को कहा।
कलक्टर जिला मुख्यालय पर, एसपी ने संभाला मोर्चा
जिला कलक्टर सौम्या झा बुधवार और गुरुवार को जिला मुख्यालय पर ही रही। वे मामले की जानकारी दूरभाष पर ही लेती रही, लेकिन मौके पर नहीं पहुंची। पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान समेत जिलेभर के पुलिस अधिकारी स्थिति को नियंत्रण में करने का प्रयास करते रहे।
नरेश के खिलाफ 23 मामले दर्ज
उपमहानिरीक्षक ओम प्रकाश ने बताया कि निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना के खिलाफ प्रदेश के विभिन्न थानों में 23 मामले दर्ज है। कई मामलों में वह वांछित है। वह मूलतया मोटपुर जिला बारां निवासी है। समरावता गांव में हुए विवाद के बाद नरेश मीना के खिलाफ 4 मामले और दर्ज हुए हैं। इसमें एक मामला मालपुरा उपखंड अधिकारी व एरिया मजिस्ट्रेट अमित चौधरी ने मारपीट, राजकार्य में बाधा समेत अन्य धाराओं में दर्ज कराया है।
सुबह तक जलते रहे वाहन
अजमेर रेंज उपमहानिरीक्षक ओमप्रकाश ने पत्रिका को बताया कि आगजनी में 25 मोटर साइकिल, 7 कारें तथा एक जीप जल कर राख हो गई। गुरुवार सुबह तक कई वाहन जलते नजर आए। इधर, आग की चपेट में कई घर भी आ गए। इससे घरों में रखा सामान जल गया।
उपचुनाव के दौरान हुए बवाल में हुई आगजनी, पथराव मामले में पुलिस ने 60 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है। उन्हें लाम्बाहरिसिंह थाने में ले जाया गया। जहां पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।