बताया जा रहा है कि पिछले वर्ष की तरह व्यापारियों ने १७०० रुपए में डीएपी की बोरी को खरीदकर रख लिया था। उसे २००० रुपए की बोरी बेचने का मौका देख रहे थे, लेकिन किसानों द्वारा चक्काजाम करके गोदामों में रखी खाद को सरकारी दाम १३५० रुपए में बेचने की मांग रखी थी। खाद वितरण कराने के लिए प्रशासन ने सरकारी टीमों को नियुक्त कर दिया है।
जिला विपणन विभाग के अधिकारी ने बताया कि जिले में अभी यूरिया रैक आ गई है।दो दिन बार हरपालपुर स्टेशन पर रैक आएगी। उस रैक को समितियों के साथ जिला विपणन केंद्र पर रखा जाएगा। जिससे डिफाल्टर किसानों को नकद में खाद दिया जाएगा।
बताया गया कि जिले में ४० के करीब समितियां संचालित हो रही है। जिसमें किसानों द्वारा ऋण लेकर खाद को लिया जाता है। जो किसान डिफाल्टर है, उन्हें खाद नहीं दिया जाता है। जिला प्रशासन ने टीकमगढ़ के शिवपुरी, बहादूरपुर, मजना, हीरानगर, बड़ागांव धसान, समर्रा, दरगुवां, अजनौर, बुडेरा, लार, डिकोली, बल्देवगढ़, लडवारी, हटा, डारगुवां, पटौरी, एरौरा, सुजानपुरा, दिगौड़ा, सतगुवां, बम्होरी बराना, देरी, छिदारी, खरगापुर, कुडीला, गुना, बखतपुरा, आलमपुरा, पुरैनियां, टौरी, कुडयाला, जतारा, वैरबार, बम्होरीकलां, चंदेरा, स्यावनी, महेबा चक्र, लिधौरा, मोहनगढ़, अचर्रा और बंधा में १२०० एमटी डीएपी भेज दिया है।
जिले में खाद के लिए किसानों को परेशान होना पड़ रहा है। उनके संबंधित गांव की सहकारी समितियों पर डीएपी को पहुंचाया गया है। व्यापारियों के गोदाम पर सरकारी कर्मचारी को खड़ा करने डीएपी वितरण कराया जा रहा है। खाद की काला बाजार नहीं हो उसके लिए भी योजना बनाई गई है।
अनिल कुमार नरबरे, डीएमओ जिला विपणन केंद्र टीकमगढ़।