सरकार भले ही खेती को लाभ का धंधा बनाने की बात कर रही है, लेकिन विभागों की लापरवाही से सरकार का यह सपना पूरा होता नहीं दिखाई दे रहा है। बोवनी के एन वक्त पर जिले से खाद गायब है तो किसानों को समय से बिजली न मिलने की ङ्क्षचता भी बनी हुई है। आलम यह है कि ङ्क्षसचाई के लिए काम आने वाले जिले के 54 ट्रांसफार्मर खराब हैं और अब तक सुधार के लिए प्रयास होते नहीं दिखाई दे रहे हैं। यदि समय से इन ट्रांसफार्मर में सुधार कर नहीं कराया गया तो ङ्क्षसचाई के लिए किसान परेशान हो जाएंगे।
कैसे चलेंगे पंप अभी किसान खाद के लिए परेशान हो रहे हैं तो बिजली न मिलने की समस्या भी उन्हें बेचैन कर रही है। कई गांव में लाइन और ट्रांसफार्मर खराब होने से ङ्क्षसचाई के लिए लाइट नहीं मिल पा रही है तो जहां पर ट्रांसफार्मर और लाइन सही है, वहां पर महज छह घंटे ही बिजली मिल रही। ऐसे में किसान अपने खेतों की ङ्क्षसचाई नहीं कर पा रहे हैं। किसानों का कहना है कि खाद की जरूरत पूरी होने के साथ ही वह बोवनी करेंगे, लेकिन उसके लिए लाइन न मिलने से वह खेतों में पानी नहीं लगा पा रहे है।
मई में उठा ले गए थे ट्रांसफार्मर हनुमान सागर के किसान सुजान राजपूत, बोरी के रामङ्क्षसह यादव, छोटे लाल यादव और परसू अहिरवार ने बताया कि मार्च में ङ्क्षसचाई खत्म हो गई थी। मई में बिजली कंपनी के कर्मचारी ट्रांसफार्मर उठा ले गए थे। वहीं ट्रांसफार्मर छह महीने में नहीं आ पाया। किसानों ने बताया कि कई ट्रांसफार्मर ऐसे है, जिनका तेल और वायर निकाल लिए गए है।
हर दिन बिजली ऑफिस जा रहे किसान किसान मनोज कुशवाहा और रामसेवक केवट ने बताया कि रबी ङ्क्षसचाई का सीजन शुरू हो गया है। खाद और बीज का इंतजाम कर लिए है, लेकिन पंप चलाने के लिए बिजली नहीं मिल रही है। जिसके कारण खेत सूखे पड़े है। समय रहते बिजली नहीं मिली तो बोवनी लेट हो जाएगी और फसल के लिए अप्रेल, मई तक इंतजार करना पड़ेगा। वहीं उस समय मवेशियों से फसलों की सुरक्षा करना मुश्किल हो जाएगा।
58 ट्रांसफार्मर खराब हैं। किसानों की मांग पर ट्रांसफार्मरों को रखा जा रहा है। किसानों की समस्याओं का जल्द समाधान किया जाएगा। नवीन कुम्हार, डीई बिजली कंपनी टीकमगढ़।