कार्यक्रम के बीच टीकाकरण जागरूकता पर हुई बात
कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के साथ रूबेला टीकारण को लेकर जागरूक किया गया। लोगों से खचाखच भरे सभागार में सीएमओ डा. सीबीएन त्रिपाठी ने टीकारण के बारे में बताया। इसके बाद रोटरी क्लब की ओर से डा. राजीव श्रीवास्तव को मेमोन्टो देकर सम्मानित किया गया। फिर सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत गायक कुमार दिनेश ने चांद से पर्दा कीजिए.. मनमोहक गीत गाकर शुरू किया। ऊंची-ऊंची डोरियो पर..गीत पर रूचि ने स्वीट नृत्य प्रस्तुत किया। इसके बाद मंच पर अनन्या के नृत्य गुरू गणेश सिंह, रवि इलाहाबादी और वरूण कुमार को मंच पर सम्मानित किया गया। गणेश सिंह ने बताया कि एक साल पहले उनके पास आई बिटिया अनन्या में खूब टैलेंट है।
प्रशासन हर तरह का करेगा सहयोग
मंच पर आए मुख्य अतिथि सिटी मजिस्ट्रेट प्रणय सिंह ने कहा कि छह साल की बिटिया में इतना टैलेंट पहली बार देखा। उन्होंने कहा कि अनन्या के लिए प्रशासन की ओर से हर तरह का सपोर्ट किया जाएगा। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद अनन्या के स्कूल केंद्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल को भी हर तरह के सहयोग का आश्वासन दिया। उन्हें भी रोटरी क्लब की तरफ से सम्मानित किया गया। यहां पर केंद्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य केपी यादव को भी सम्मानित किया गया।
नेशनल हेड ने दिया प्रमाण पत्र
अनन्या ने स्टेज पर एक नृत्य प्रस्तुत करने के बाद पांच मिनट का कथक राउंड लगाया। इस दौरान पूरा हाल तालियों व सीटियों से गूंज उठा। गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड के नेशनल हेड आलोक कुमार ने अनन्या को सर्टिफिकेट दिया। उन्होंने कहा कि जिस उम्र में बच्चे टेबल और एबीसीडी सीखते हैं उस उम्र में अनन्या ने वर्ल्ड रिकार्ड बना दिया। उन्होंने कहा कि कई बार वे इमोशनल हो गए। उन्होंने अनन्या की मां संध्या श्रीवास्तव को धन्यवाद दिया। कहा कि अब सुलतानपुर वरुण गांधी का संसदीय क्षेत्र के नाते नहीं अनन्या के नाते जाना जाएगा। उन्होंने आशा जताई कि अनन्या ही अपना रिकार्ड ब्रेक करेगी। आलोक को मंच पर रोटरी के अध्यक्ष नीरव पांडेय, सचिव रमेश चंद्रा, मीडिया प्रभारी संदीप ने सम्मानित किया।

ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में रोटरी के अध्यक्ष नीरव पांडेय, सचिव रमेश चंद्र, संदीप, सागर तिवारी, वरिष्ठ रोटरियन रवि श्रीवास्तव, नैय्यर रजा जैदी, डा. डीएस मिश्रा, आशीष श्रीवास्तव, जितेंद्र श्रीवास्तव, डा. रवि त्रिपाठी आदि के साथ रोटरी महिला क्लब की सभी सदस्य मौजूद रहे। संचालन राजवीर श्रीवास्तव ने किया ।