इंदौर में आयोग ने बनाए थे 83 केंद्र
राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, भोपाल, सतना सहित प्रदेश के 55 जिलों में हुई। इसके लिए 1.83 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, जिसमें से 72 फीसदी उपस्थित रहे। परीक्षा दो सत्रों में हुई। पहले सत्र में अभ्यर्थियों की उपस्थिति 72 और दूसरे सत्र में 71 फीसदी रही। अकेले इंदौर में आयोग ने 83 केंद्र बनाए थे, जिनमें 33 हजार अभ्यर्थी शामिल होना थे, लेकिन 81 फीसदी यानी 26730 मौजूद रहे। परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की दो अलग-अलग स्तरों पर चैकिंग की गई। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, स्मार्ट वॉच जैसी चीजें बाहर ही रखवा ली गई। पहला सत्र में सामान्य अध्ययन का पेपर हुआ, जो सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक था। दो घंटे में 100 प्रश्न हल करने थे। इसके बाद दूसरा सत्र दोपहर 2:15 से 4:15 बजे के बीच हुआ, जिसमें अभिरुचि परीक्षण के प्रश्न हल किए गए। अभ्यर्थियों ने बताया, दोनों ही पेपर अच्छे आए थे। अधिकारियों के मुताबिक पेपर संबंधित कोई भी शिकायत नहीं मिली है और न ही प्रश्नों को लेकर गड़बड़ी सामने आई है। अटल बिहारी वाजपेयी कॉलेज में नकल का एक प्रकरण बना है।
आयोग ने दर्ज करवाई शिकायत
अब आयोग ने टेलीग्राम ग्रुप के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी की है। आयोग ने पुलिस को ग्रुप और वायरल पर्चे की जानकारी दी है। आयोग का कहना है कि वायरल पर्चे को आयोग के पर्चे की तरह बनाया गया था। उसमें कहीं भी मॉक या सैंपल पेपर शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया। आयोग ने एडवाइजरी जारी की है। इसके मुताबिक तैयारी के लिए बनने वाले पेपरों पर मॉक टेस्ट लिखा जाए।
नहीं हुआ मिलान
पेपर लीक की अफवाहों के बीच हुई परीक्षा को लेकर आयोग ने काफी सख्ती बरती। परीक्षा शुरू होने के बाद वायरल पर्चे की जांच करने के लिए आयोग का दल केंद्रों पर पहुंचा। पहले सत्र में हुए सामान्य ज्ञान के पर्चे का मिलान किया गया। फिर दूसरे सत्र में भी प्रक्रिया की गई। दोनों ही पेपर वायरल पेपर से अलग मिले। एक भी प्रश्न आयोग के पेपर से नहीं मिला।