राजकीय चिकित्सालय में चार व छह सीएचसी पर एक-एक सहित दस ऑक्सीजन प्लांट लग रहे हैं। इनमें से राजकीय चिकित्सालय में एक तो पिछले साल ही शुरू कर दिया गया था और एनआरएचएम का दूसरा प्लांट का ट्रॉयल हो चुका है लेकिन डीआरडीओ की ओर से लगाए जा रहे प्लांट में मशीनें लगाने की गति अभी धीमी है। वहीं चौथे एनआरएचएच के प्लांट के लिए अभी टेंडर ही नहीं हो पाए हैं। यदि अस्पताल में एक पिछला व एक नया प्लांट चालू होते हैं तो यहां ऑक्सीजन की कमी महसूस नहीं होगी। डीआरडीओ का प्लांट भी अगस्त माह में पूरा होने की उम्मीद है। वहीं जिले में सीएचसी पर लगाए जा रहे प्लांट को भी पंद्रह अगस्त तक पूरा करने की डेट लाइन है लेकिन चिकित्सा अधिकारियों को इनमें समय लगता दिख रहा है। कार्य की धीमी गति के चलते ये प्लांट कब शुरू होंगे। चिकित्सा अधिकारियों ने बताया कि सूरतगढ़ व पदमपुर में दोनों ऑक्सीजन प्लांट नगरपालिका की ओर से लगाए जा रहे हैं। वहीं चार सीएचसी पर एनआरएचएम की ओर से प्लांट लगाए जा रहे हैं। इनमें से कुछ के पंद्रह अगस्त तक चालू होने की उम्मीद है।
अभी भी आ रहे मरीज – राजकीय चिकित्सालय में अभी चार कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज चल रहा है और सैंपल जांच के दौरान एक-दो मरीज पॉजिटिव आ रहे हैं। पिछले दिनों एक साथ छह पॉजिटिव मरीज आए थे। वहीं कुछ एक्टिव केस भी हैं। इसलिए लोगों को सावधानी रखनी होगी। बिना मास्क के बाहर नहीं निकलें, सोशल डिस्टेसिंग की पालना की जाए।
ये है ऑक्सीजन सयंत्रों की स्थिति अस्पताल सयंत्र ऑक्सीजन की मात्रा राजकीय चिकित्सालय 4 336 सिलेण्डर ऑक्सीजन सीएचसी करणपुर 1 35 सिलेण्डर ऑक्सीजन सीएचसी रायसिंहनगर 1 35 सिलेण्डर ऑक्सीजन सीएचसी सादुलशहर 1 35 सिलेण्डर ऑक्सीजन
सीएचसी अनूपगढ़ 1 35 सिलेण्डर ऑक्सीजन सीएचसी सूरतगढ़ 1 35 सिलेण्डर ऑक्सीजन सीएचसी पदमपुर 1 50 सिलेण्डर ऑक्सीजन इनका कहना है – जिले की छह सीएचसी पर नगरपालिका व एनआरएचएम की ओर से ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। जिनको चालू करने की पंद्रह अगस्त की डेट लाइन दी हुई है। किसी जगह कार्य में तेजी है तो कहीं धीमा है।
– डॉ. गिरधारी लाल मेहरडा, सीएमएचओ श्रीगंगानगर – अस्पताल में चार प्लांट लगने हैं, एक पहले लगा हुआ है। दूसरा उद्घाटन के लिए तैयार है। वहीं तीसरा प्लांट का कार्य चल रहा है। चौथे प्लांट के अभी टेंडर नहीं हुए हैं। यदि तीन प्लांट चालू होते हैं तो यहां ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं आएगी।
– डॉ. बलदेव सिंह, पीएमओ राजकीय चिकित्सालय श्रीगंगानगर