सज झज के आई महिलाएं और युवतियां
तीन पुली किनारे अस्थायी घाट पर छठ मैया का पूजन किया गया। वहां पूर्वांचलवासियों के लिए आस्था का केन्द्र बने इन घाट पर महिलाओं और युवतियों ने पूजन की सामग्री को लेकर नहर के अंदर खड़े होकर छठ मैया के मंगल गीत गाए। इन परिवारों ने दीपक और अगरबत्ती से सूर्य देव की पूजा की प्रक्रिया शुरू हुई। फल और विशेष पकवान से छठ मैया को भोग लगाया। इत्र, अगरबत्ती, धूप से तीन पुली क्षेत्र महक उठा। ज्यादातर महिलाओं ने छठ मैया की धोक लगाते हुए अपने परिवार के बच्चों को निरोगी, सरकारी नौकरी, अपना घर बनाने की कामना की। बाहर रहने वाले परिजनों को मोबाइल से वीडियो कॉलिंग कर उत्सव स्थल के दर्शन करवाए। इससे पहले महिलाओं ने अपनी परंपरागत रंग-बिरंगी साड़ियों और युवतियां लुभावने सूट और लंहगे की ड्रेस में सज धजकर आई।
पहले आने की होड़, फिर वापस लौटने की ललक
तीन पुली पर दोपहर तीन बजे के बाद परिवार सहित यहां आने की होड़ श्रद्धालुओं में बनी रही। जैसे अर्घ्य दिया तो वापस घर लौटने की ललक बनी रही। नहर के पानी के अंदर सूर्य को साक्षी मानकर इस व्रत की अधिक महत्ता है, ऐसे में तीन पुली के पास जेड माइनर पर करीब आधा किलोमीटर लंबी दूरी तक महिलाओं के एक साथ पूजन करने से वहां अनूठा नजारा बना हुआ था। जैसे ही सूर्य अस्त होने का समय आया तो व्रतधारियों ने सूर्य को अर्घ्य देकर अपने परिवार और इलाके की सुख-समृद्धि की कामना की।
अतीत के पन्नों में रह गई गांव की मिट़टी
अपने परिवार के साथ आए बुजुर्ग जुगनी पंडित का कहना है कि बिहार के दरभंगा जिले में उसका गांव हैँ, छठ पर्व आता है तो गांव की मिट़टी याद आने लगती है। परिवार को पालना भी जरूरी है, इसलिए बेटों को यहां काम के लिए भेजा था। अब वह भी खुद यहां आकर रहने लगा है। इधर, शोभा देवी का कहना था कि बाबूजी पेट की खातिर घर और गांव छोड़कर यहां आ गए। अब यहां के बनकर रह गए है लेकिन अपनी लोक संस्कृति को नहीं छोड़ पाए। युवती कुसुम का कहना था कि छठ पर्व अब श्रीगंगानगर में विशेष त्यौहार बन गया हैं, यहां पंजाबी और बिहारी दोनों लोक गीतों का संगम बनता जा रहा है।
बिहारी और पंजाबी गीतों पर झूमे कलाकार
छठ पूजा सेवा समिति की ओर से आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में कलाकारों ने रंग जमाया। इन कलाकारों ने पंजाबी और बिहारी लोक गीतों पर श्रद्धालुओं को झूमने को मजबूर कर दिया। समिति के अध्यक्ष उमेश चौधरी ने बताया कि छठ मैया के पूजन के दौरान चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष बंशीधर जिन्दल और उद्योगपति विजय गोयल अतिथि के तौर पर शामिल हुए। इधर, ए माइनर किनारे मां गंगा छठ पूजा समिति के अध्यक्ष श्रवण कुमार ने बताया कि पंजाबी गीतों पर कलाकारों ने अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। इस कार्यक्रम में विधायक जयदीप बिहाणी मुख्य अतिथि बने।
किन्नर वंदना माई की टीम ने लगाया लंगर
तीन पुली पर किन्नर वंदना माई और उनकी टीम की ओर से पूर्वाचंलवासियों के इस त्यौहार पर खुशियों को सांझा करने के लिए लंगर सेवा की। चाय और नाश्ते का विशेष इंतजाम किया गया। सेवादारों की टीम सागर, गुरदीप सांई, अधिवक्ता मोनिका नागपाल आदि ने महामाई का पूजन कर चाय और ब्रेड पकौड़ों का लंगर लगाया। यहां श्रद्धालु काफी संख्या में आए।
गंदगी से अटी नहर, करते रहे कॉल
पूर्वाचंलवासियों को नहर में पानी नहीं छो़ड़ने को लेकर लंबा इंतजार करना पड़ा। पुलिस और विभिन्न धार्मिक संगठनों ने उच्चाधिकारियों को जल संसाधन विभाग से इस नहर में पानी छोड़ने की गुहार लगाई। इस नहर में पानी तब आया जब अधिकांश श्रद्धालु कचरे और गंदगी से अटी इस नहर में अपनी रस्म अदायगी पूरी कर घर की ओर लौट चुके थे।
ट्रैफिक पुलिस आई तब खुला रास्ता
सांझ ढलते ही जब पूर्वाचंलवासी अपने टैम्पों पर सवार होकर परिवार सहित घर लौटने लगे तो तीन पुली पर रास्ता जाम हो गया। कोतवाली पुलिस की ओर से किए गए इंतजाम धरे रह गए। इक्का दुक्का पुलिस कार्मिक जरूर नजर आए लेकिन उनके हाथ में पूरी कमान नहीं थी। ऐसे में तीन पुली से लेकर राजकीय विधि महाविद्यालय तक हिन्दुमलकोट रोड पर वाहनों की भीड़ होने के कारण रास्ता जाम हो गया। लोगेां ने ट्रैफिक पुलिस को कॉल कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। ट्रैफिक प्रभारी रघुवीर सिंह बीका का कहना था कि कोतवाली पुलिस को व्यवस्था के लिए अधिकृत किया हुआ था। इधर, एसपी तक शिकायत पहुंची तो करीब एक घंटे के बाद ट्रैफिक हरकत में आई।