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CJI ने अपनी फेयरवेल स्पीच में मांगी माफी, माता-पिता, पर्सनल लाइफ के साथ ही करियर से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें की शेयर

CJI चंद्रचूड़ की विदाई के लिए सेरेमोनियल बेंच बैठी, जिसकी लाइव स्ट्रीमिंग हुई। इसमें उनके साथ जस्टिस मनोज मिश्रा, जस्टिस जेबी पारदीवाला, वरिष्ठ वकीलों के अलावा 10 नवंबर से CJI का पद संभालने वाले जस्टिस संजीव खन्ना भी शामिल हुए।

नई दिल्लीNov 08, 2024 / 08:37 pm

Akash Sharma

CJI DY Chandrachud

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Chandrachund Farewell Speech: देश के 50वें मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ CJI के तौर पर अपना दो साल का कार्यकाल खत्म करके 10 नवंबर को रिटायर हो जाएंगे। डी. वाई. चंद्रचूड़ ने अपनी फेयरवेल स्पीच दी। उन्होंने अपने संबोधन में माता-पिता, पर्सनल लाइफ के साथ ही करियर से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें शेयर की। साथ ही उन दिनों को याद किया जब उन्होंने वकालत में कदम रखा था। CJI चंद्रचूड़ की विदाई के लिए सेरेमोनियल बेंच बैठी, जिसकी लाइव स्ट्रीमिंग हुई। इसमें उनके साथ जस्टिस मनोज मिश्रा, जस्टिस जेबी पारदीवाला, वरिष्ठ वकीलों के अलावा 10 नवंबर से CJI का पद संभालने वाले जस्टिस संजीव खन्ना भी शामिल हुए। इस दौरान वहां मौजूद सभी सीनियर एडवोकेट और जज से लेकर हर कोई इमोश्नल हो गया।
Cji chndrachund with fater
CJI बनने वाली इकलौती पिता-पुत्र की जोड़ी जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़

मां ने जो सोचकर नाम रखा था वह हासिल करके हुए रिटायर

अपने विदाई समारोह को संबोधित करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा, “इतने बड़े सम्मान के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। मैं इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए SC बार एसोसिएशन को तहे दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं। जब मैं बड़ा हो रहा था तो मेरी मां ने मुझसे कहा था कि मैंने तुम्हारा नाम धनंजय रखा है। लेकिन तुम्हारे ‘धनंजय’ में ‘धन’ भौतिक संपदा नहीं है। मैं चाहती हूं कि तुम ज्ञान अर्जित करो।”

‘जब मैं यंग था तो सुप्रीम कोर्ट आया करता था और….’

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि जब मैं यंग था तो सुप्रीम कोर्ट आया करता था और कोर्ट और यहां लगी दो तस्वीरों को देखा करता था। मैं रात को सोच रहा था कि दोपहर 2 बजे कोर्ट खाली हो जाएगा और मैं खुद को स्क्रीन पर देखूंगा। इस दौरान सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी उन सभी हियरिंग्स को याद किया, जिनमें उन्होंने जस्टिस चंद्रचूड़ के सामने दलीलें पेश कीं थी।

पिता ने दी बड़ी सीख

डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कह, ‘मेरे पिता ने पुणे में यह छोटा सा फ्लैट खरीदा था। मैंने उनसे पूछा, आखिर आप पुणे में फ्लैट क्यों खरीद रहे हैं? हम कब जाकर वहां रहेंगे? उन्होंने कहा, मुझे पता है कि मैं वहां कभी नहीं रहूंगा। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि मैं आपके साथ कब तक रहूंगा, लेकिन एक काम करो, जज के तौर पर अपने कार्यकाल के आखिरी दिन तक इस फ्लैट को अपने पास रखो। मैंने कहा, ऐसा क्यों? उन्होंने कहा, अगर आपको लगता है कि आपकी नैतिक ईमानदारी या बौद्धिक ईमानदारी से कभी समझौता किया गया है, तो मैं आपको बताना चाहता हूं कि आपके सिर पर छत है। एक वकील या एक जज के तौर पर कभी भी खुद को समझौता करने की अनुमति न दें क्योंकि आपके पास अपना कोई घर नहीं है।’
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अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए

सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जजों में CJI चंद्रचूड़ ने सबसे ज्यादा फैसले लिखे हैं। आखिरी दिन भी उन्होंने 45 केस की सुनवाई की।CJI चंद्रचूड़ के 2 साल के कार्यकाल के बड़े फैसलों में राम जन्मभूमि मंदिर, आर्टिकल 370, मदरसा केस, सबरीमाला मंदिर विवाद, वन रैंक-वन पेंशन, चुनावी बॉन्ड की वैधता और CAA-NRC जैसे फैसले शामिल हैं।

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