पुलिस ने बताया कि धोखाधड़ी के करीब एक दर्जन प्रकरणों में फरार सेतिया कॉलोनी गली नंबर निवासी विष्णु कौशिक पुत्र हरिओम की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधीक्षक हरेन्द्र कुमार और जवाहरनगर थाना प्रभारी प्रशांत कौशिक के निर्देशों पर एएसआई विजय कुमार, सिपाही मनफूल व साइबर एक्सपर्ट चंद्रपकाश की टीम का गठन किया गया। आरोपित पर दो हजार रुपए का इनाम घोषित था। आरोपित की तलाश में पुलिस टीम दिल्ली और एनसीआर में डेरा डाले रही।
लैब टैक्नीशियन और ठेकेदार भी रहा
पुलिस ने बताया कि आरोपित ने ग्वालियर मध्यप्रदेश से एमएससी पैथोलॉजी में डिग्री हासिल की और केसरीसिंहपुर राजकीय चिकित्सालय में लैब टैक्नीशियन के पद पर कार्य किया। कुछ समय बाद यह काम छोड़ दिया और चिकित्सा विभाग में ठेकेदारी करने लगा।
आरोपित के खिलाफ दर्ज है एक दर्जन मामले
पुलिस ने बताया कि आरोपित ने पंजाब नेशनल बैंक की बीरबल चौक शाखा, शिव चौक शाखा व कैनरा बैंक से फर्जी नामों से कार लोन के कोटेशन एवं खुद के दस्तावेज आदि पेश कर वाहन लिए। इन बैंकों के साथ कूटरचित दस्तावेजों से धोखाधड़ी कर नुकसान पहुंचाया। इसके अलावा शहर के विभिन्न लोगों को मकान व प्लॉटों को दो व तीन बार बेचकर धोखाधड़ी की। टोयटा कंपनी श्री ओम मोटर्स प्रा.लि. जयपुर की अधिकृत एजेंसी के बजाय सिर्फ ओम मोटर्स जयपुर के फर्जी कोटेशन छापकर कूटरचित इंश्योरेंस एवं बिल तैयार कर बैंक लोन को अपने खातों में ट्रांसफर करवाकर भूमिगत हो गया। आरोपित के खिलाफ सदर थाने में दो, कोतवाली में पांच व जवाहरनगर थाने में धोखाधड़ी के पांच मामले दर्ज हैं।