अप्रत्यक्ष फायदा प्राइवेट कॉलोनाइजरों को
प्राइवेट कॉालोनाइजरों की जनप्रतिनिधियों और आला अफसरों से सीधी एप्रोच होने के कारण इनकी अधिकृत कॉलोनियों में जानबूझकर डीएलसी की दरें कम रखी जाती है। यही वजह है कि इलाके में पोश कॉलोनियों में डीएलसी दर शुल्क और रजिस्ट्री का खर्चा नगर विकास न्यास की अधिकृत कॉलोनियों से काफी कम आ रहा है। तहसील कार्यालय में प्राइवेट कॉलोनियों की रजिस्ट्री लगातार हो रही है, इसका प्रत्यक्ष् फायदा कॉलोनाइजर उठा रहे है। इलाके में बड़ेबड़े उद्योगपतियों और व्यापारियों ने रियल एस्टेट में निवेश किया है।न्यास की कॉलोनियां में रजिस्ट्री महंगी
चुनिंदा कॉलोनियों का डीएलसी की दरों का आंकलन किया तो पॉश कॉलोनियों के भूखंड धारकों की रजिस्ट्री होने तक मोटा मुनाफा संबंधित कॉलोनाइजर की जेब में चला गया जबकि नगर विकास न्यास सहित अन्य कॉलोनियों में भूखंड की रजिस्टी महंगी दर पर हुई । भूखंड खरीद से लेकर मालिकाना हक पाने तक सारा खर्चा सरकार के खजाने में गया।तब ज्यादा ढीली करनी पड़ती हैँ जेब
डीएलसी की दरों की विसंगतियों के कारण सरकारी कॉलोनियों में रजिस्ट्री करवाने के लिए भूखंडधारकों को जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ती है। भूखंड खरीद से लेकर रजिस्ट्री तक सारा धन सरकार के खजाने में जमा होता है जबकि प्राइवेट कॉलोनियों में भूखंड महंगी दर से खरीद करने के बावजूद वहां डीएलसी कीदर कम होने पर भूखंडधारकों को रजिस्ट्री के लिए मामूली रकम चुकानी पड़ती है।
यूं रहेगा डीएलसी की दरों का गणित
कॉलोनी का नाम आवासीय व्यवसायिक
पहले अब पहले अब
जवाहरनगर 1100 1350 3520 3600
ब्लॉक एरिया 1831 2350 6000 9000
रवीन्द्र पथ 640 3000 7700 9000
गोल बाजार 2530 3300 3595 4950
पुरानी आबादी 341 350 1897 2025
रिदि्ध सिदि्ध प्रथम 605 900 2227 3000
सेतिया काॅलोनी 594 675 1210 1300
पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग की ओर से प्रति फुट दरें
ऐसे समझें रजिस्ट्री का खर्चा
यदि आप जवाहरनगर क्षेत्र में 25 गुणा 50 साइज का खाली भूखंड खरीदकर मालिकाना हक पाना चाहते है तो करीब दस लाख रुपए का खर्चा आएगा। यदि यही भूखंड काॅमर्शियल है तो तीस लाख रुपए का खर्च हो सकेगा। इसी प्रकार ब्लॉक एरिया में इस साइज के भूखंड के लिए 14 से 15 लाख रुपए खर्च करने पड़ेंगे, यही कॉमर्शियल के रूप में इस्तेमाल कराने के लिए रजिस्ट्री करवाना चाहते है तो यह करीब चालीस लाख रुपए खर्च हो सकेगा। यदि आप नाथांवाला जैसे ग्रामीण इलाके में पचास लाख रुपए प्रति बीघा भूमि खरीद रहे है तो करीब चार लाख रुपए की रजिस्ट्री का शुल्क देना होगा।