सरसों तेल को कई लोग एक टॉनिक के रूप में भी प्रयोग करते हैं। यह शरीर की कार्य क्षमता बढ़ा कर शरीर की कमजोरी को दूर करने में सहायता करता है। इसमें पिग्मेंट यानी एलिल आइसोथियोसाइनेट भरपूर होता है। जिसे यह रूमेटाइड गठिया में भी राहत दे सकता है।
सरसों का तेल संक्रमण रोकने में सक्षम होता है। इसलिए इसका इस्तेमाल शरीर पर या खाने में उपयोग करने पर फायदेमंद होता है। यह तेल बैक्टीरिया के प्रभावों को निष्क्रिय करने वाला माना जाता है।
कैंसर की कोशिकाएं सामान्य कोशिकाओं के मुकाबले तेजी से बढ़ती हैं। कई रिसर्च के अनुसार सरसों का तेल शरीर में कैंसर की कोशिकाओं के विकास को धीमा कर सकता है और गंभीर स्थिति को भी रोक सकता है।
सरसों का तेल दिल की सेहत के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। यह तेल कोलेस्ट्रॉल को कम करने और दिल की सेहत को मजबूत रखने में मददगार होता है। दांतों की तकलीफ में सरसों के तेल में नमक मिलाकर रगडऩे से फायदा होता है, साथ ही दांत पहले से अधिक मजबूत हो सकते हैं।
सरसों का तेल शरीर में पाचन तंत्र को दुरूस्त करने में भी लाभदायक होता है। इसका प्रयोग करने से कोरोनरी हार्ट डिसीज का खतरा भी कम होता है। इसमें विटामिन ई पाया जाता है, जो झाइयों और झुर्रियों से भी काफी हद तक राहत दिलाने में मदद करता है।
सरसों के तेल की मालिश करने से शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और रक्त संचार भी बेहतर होता है। हल्के गर्म तेल की मसाज से रूखी-सूखी त्वचा भी नर्म, मुलायम व चिकनी हो जाती है। सरसों के तेल की मालिश से गठिया रोग और जोड़ो का दर्द भी ठीक हो जाता है। यह शरीर के किसी भी भाग में फंगस को बढऩे से रोकता है और त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाता है।