11 साल की बेटी ने छेड़ी अनोखी मुहिम, साड़ी में स्केटिंग कर ग्रामीणों को इस काम के लिए कर रही जागरूक
Covid Vaccination Awareness: गांव की टूटी-फूटी सड़को और कीचड़ वाली गलियों में स्केटिंग करने की एक्सपर्ट बच्ची ने लोंगो को कोविड वैक्सीनेशन के लिए जागरूक करने का संकल्प लेकर अभिनव प्रयोग शुरू किया है।
11 साल की बेटी ने छेड़ी अनोखी मुहिम, साड़ी में स्केटिंग कर ग्रामीणों को इस काम के लिए कर रही जागरूक
सीतापुर. Covid Vaccination Awareness: वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिये केंद्र और राज्य सरकारें ज्यादा से ज्यादा कोविड वैक्सीनेशन कराने के लिए अभियान चला रहीं है। इस अभियान को रफ्तार देने के लिए कई जागरूकता कार्यक्रम भी चलाये जा रहे हैं, लेकिन फिर भी ग्रामीण अंचलों में लोग टीकाकरण अभियान में समुचित भागीदारी नहीं कर रहे हैं। ऐसे में ग्रामीणों को इस टीकाकरण अभियान के प्रति जागरूक कर उन्हें इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में सहभागी बनाने के लिए सीतापुर की एक 11 वर्षीय मासूम बच्ची ने अनोखा तरीका अपनाया है। बच्ची ने साड़ी पहनकर स्केटिंग करते हुए लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है।
11 साल की बेटी ने छेड़ी अनोखी मुहिम सीतापुर शहर के रम्पा रोड स्थित निवासी शशांक गुप्ता की कक्षा 4 में पढ़ने वाली 11 वर्षीय बेटी श्री गुप्ता पिछले दिनों रामकोट इलाके में स्थित अपने गांव नई बाजार आयी हैं। कोरोना महामारी के बीच दादा दादी के कोविड वैक्सीन लगवाने के समय सीएचसी रामकोट पहुंची। बच्ची श्री गुप्ता ने देखा कि इस भीषण महामारी के दौर में भी वहां पर वैक्सीन लगवाने वालों की भारी कमी थी। पर्याप्त संख्या में टीका लगवाने वालों की संख्या न होने के कारण श्री के दादा-दादी को वैक्सीन लगवाने में कोई खासा इंतजार नहीं करना पड़ा। बस यहीं से मासूम ने मन में इस टीकाकरण को लेकर लोगों को जागरूक करने की तमन्ना ठान ली।
साड़ी में स्केटिंग कर ग्रामीणों को कर रही जागरूक गांव की टूटी-फूटी सड़को और कीचड़ वाली गलियों में स्केटिंग करने की एक्सपर्ट बच्ची ने लोंगो को कोविड वैक्सीनेशन के लिए जागरूक करने का संकल्प लेकर अभिनव प्रयोग शुरू किया है। अपनी स्केटिंग क्षमता के कारण लोंगो में आकर्षण का केन्द्र बनने वाली मासूम ने साड़ी पहनकर गांवों में घूम-घूम कर कोविड वैक्सीनेशन के प्रति लोगो को जागरूक करने की शुरुआत की है। जिससे गांव के लोंगो ने वैक्सिनेशन के प्रति रूचि दिखानी शुरू की इसके बाद बच्ची ने ग्रामीणों की उन शंकाओं का भी अपनी सामर्थ्य के अनुसार समाधान किया, जो वे लोग कोविड वैक्सीनेशन को लेकर अपने मन में पाले हुए थे।