इसलिए खास है पायली
ब्लॉक मुख्यालय घंसौर से 18 किमी की दूरी पर स्थित पर्यटन स्थल पायली जबलपुर, मंडला और सिवनी की सीमावर्ती क्षेत्र में है। बरगी बांध के जलभराव क्षेत्र में स्थित पायली के खूबसूरत प्राकृतिक सौंदर्य के बीच समय बिताने बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। यहां वन विभाग का रेस्ट हाउस है। ठहरने के लिए दो कमरे हैं। इसकी बुकिंग वन विभाग से होती है। चारों ओर जंगल से घिरे इस स्थल पर नर्मदा नदी पर टापू नुमा तीन अलग स्पाटए जो ऊंचाई पर बने गेस्ट हाउस से बेहद खूबसूरत दिखते हैं। करीब तीन किमी नीचे पक्के मार्ग से नर्मदा के करीब पहुंचा जा सकता है। बरगी डैम के बाद ये क्षेत्र और आकर्षक बन गया है। टापू के बीच एक अंग्रेजों के जमाने का मकान बना है। नाव से नदी पार कर टापू पर जाना पर्यटकों को बेहद रोमांचित और यादगार अनुभव कराता है। ऊपर से सुबह सूर्योदय और शाम को सूर्यास्त का नजारा इसे और मनभावन बना देता है। इस मौसम में बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंच रहे हैं। इससे गांव के लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। वन विभाग के सहयोग से गांव की महिला समूह ने भोजन की व्यवस्था शुरू की है। काफी कम दाम पर समूह की महिलाएं यहां आने वाले पर्यटकों को लजीज भोजन उपलब्ध करा रही हैं। वहीं गांव के 35 से अधिक परिवार के लोग नाव से पर्यटकों को सैर कराकर रोजगार अर्जित करते हैं। नाव में सैर कराने वाले पर्यटकों को लाइफ जैकेट पहनने पर ही नावम से टापू तक ले जाते और नर्मदा जल क्षेत्र में घुमाते हैं।
सडक़ मार्ग से पहुंच सकते हैं पायली
पायली तक पहुंचने के लिए सडक़ मार्ग ही बेहतर विकल्प है। सिवनी की ओर से धूमा से शिकारा होते हुए पायली पहुंचा जा सकता है। जबलपुर से जाने वाले पर्यटक सीधे बरेला गांव से होते हुए शिकारा व यहां से पायली पहुंच सकते हैं। मंडला जिला की ओर से आने वाले पर्यटक घंसौर से शिकारा होते हुए पायली पहुंच सकते हैं। पायली तक पहुंचने के लिए यात्री बस व अन्य साधन नहीं हैं, इसलिए स्वयं के साधन से यहां तक पहुंचना सुविधाजनक है। पायली रेस्ट हाउस तहसील घंसौर के शिकारा वनपरिक्षेत्र के अंतर्गत चेतना पयार्वरण के रूप में स्थित है। रेस्ट हाउस के सामने से नर्मदा नदी में निर्मित बरगी जलाशय का भराव क्षेत्र का विहंगम दृश्य दिखाई देता है। इसी भराव क्षेत्र में अंग्रेज शासनकाल से निर्मित रेस्ट हाउस है, जिसमें चारों ओर जलाशय का भराव 12 माह रहता है, जो आने वाले व्यक्तियों को आनंदित करता है। कई जिलों एवं देश-प्रदेश से लोग पिकनिक मनाने आते हंै।
मौजूद रहते हैं वन विभाग के कर्मी
पर्यटन स्थल पायली में पूर्व में पिकनिक मनाने गए लोगों के साथ हादसे हो चुके हैं। करीब चार साल पहले यहां डूबने से युवकों की मौत हो चुकी हैं। हादसों के बाद वन विभाग ने यहां आने वाले लोगों की सुरक्षा और हादसों को टालने के लिए वन कर्मियों की तैनाती की है। एक जनवरी, मकर संक्राति व अन्य विशेष अवसरों पर वन विभाग के कर्मचारियों के अलावा पुलिस बल भी यहां मौजूद रहता है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ईको पर्यटन क्षेत्र पायली में नर्मदा नदी काफी गहरी है। बाहर से आने वाले लोगों को पानी की गहराई की जानकारी नहीं रहती है। इससे हादसे होने की संभावना बनी रहती है। इसे देखते हुए यहां पहुंचने वालों को विभाग के कर्मचारी सतर्क करते रहते हैं। सुरक्षा को लेकर सूचना व संकेतक बोर्ड भी यहां लगाए गए हैं।05:21 PM