पांच साल बाद हुआ खुलासा
उपभोक्ता फोरम में यह मामला सतेंद्र दुबे पिता गुलाबचंद्र निवासी रामटेकरी वार्ड क्रमांक-17 कृपालपुर ने दाखिल किया था। उनका कहना था कि इंकार आर्नामेंट्स प्रो. रामनाथ सोनी एलआइसी ऑफिस के पास कृष्णनगर सतना से 11 मई 2011 को 23 कैरेट सोने की अंगूठी 4.180 ग्राम की खरीदी थी। इसका मूल्य 9487 रुपए अदा किया था।
फरियादी को 6700 रुपए भुगतान बिल में उल्लेख था कि जेवर की वापसी प्रति 10 ग्राम सोने में एक ग्राम व चांदी में दो ग्राम टांका काटकर होगी। जब फरियादी उक्त सोने की अंगूठी को बेचने पहुंचा तो उसे बताया गया कि अंगूठी का वजन 3.800 ग्राम है। अंगूठी लेकर दुकानदार ने फरियादी को 6700 रुपए भुगतान किया। इसके बाद सतेंद्र ने उपभोक्ता फोरम में वाद दाखिल किया।
याचिका स्वीकार फोरम अध्यक्ष बीएल वर्मा, सदस्य डॉ. राकेश मिश्रा व सदस्य सावित्री सिंह ने सतेंद्र की याचिका स्वीकार करते हुए इंकार आर्नामेंट्स प्रो. रामनाथ सोनी एलआइसी ऑफिस के पास कृष्णनगर को एक माह के अंदर परिवादी को मानसिक व आर्थिक क्षतिपूर्ति के मद में एक हजार रुपए देने आदेशित किया।
शेष राशि वापस करने आदेश विक्रय की गई अंगूठी 4.180 ग्राम को 2 फरवरी 2015 के भाव की दर से एक ग्राम टांका काटकर शेष राशि वापस करने आदेश दिए। आदेश दिए कि एक माह के अंदर उक्त राशि का परिवादी को भुगतान नहीं करने पर दस प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज देय होगा।