बताया गया कि शुक्रवार की रात 10 बजे अटेंडर नीरज मिश्रा सहित अन्य लोग सीएमओ कक्ष आए थे। वहां ब्लड चढ़ाने की मांग पर कहासुनी शुरू हुई और देखते ही देखते दर्जनभर सुरक्षाकर्मियों ने सीएमओ कक्ष में नीरज पर हमला कर दिया। उनके साथ जमकर मारपीट की। इस दौरान सीएमओ तमाशाबीन बने रहे। नीरज काफी देर तक सीएमओ कक्ष में बंधक बने रहे और बाद में किसी तरह से जान बचाकर बाहर निकले।
संजय गांधी अस्पताल में हंगामे की सूचना मिलते ही पुलिस पहुंची और मोर्चा संभाला। रात में पुलिस पूछताछ करती रही। सुबह मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो अस्पताल प्रबंधन में हड़कंप मच गया। पुलिस नेे पीडि़तों को बुलवाया और शिकायत लेकर मामले की जांच शुरू की। फिलहाल, सुरक्षाकर्मियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
परिजन ने बताया कि मरीज को संजय गांधी अस्पताल में ब्लड नहीं मिला तो विंध्या हॉस्पिटल से ब्लड खरीदकर लाए थे। उसे खराब बताकर चिकित्सकों ने चढ़ाने से इनकार कर दिया। बस इसी बात को लेकर विवाद शुरू हुआ था और नौबत मारपीट तक पहुंच गई। चिकित्सकों का दावा था कि विंध्या अस्पताल में कई बार नशेडियों का ब्लड लेकर उसे बेच दिया जाता है, जो काफी खराब होता है।
संजय गांधी अस्पताल में सुरक्षाकर्मियों की अभद्रता व गुंडागर्दी की घटनाएं आए दिन सामने आती रहती हैं। इसे देखते हुए पुलिस ने अस्पताल प्रबंधन को पत्र लिखा है। इसमें ऐसे सुरक्षाकर्मियों को तत्काल हटाए जाने के निर्देश दिए गए हैं जिनके खिलाफ सर्वाधिक शिकायतें हैं। कहा गया कि ऐसे कर्मचारियों की वजह से ही अस्पताल की छवि खराब हो रही है।
इधर, अस्पताल प्रबंधन ने मारपीट करने वाले दो गार्ड को सस्पेंड कर दिया है। अस्पताल के अधीक्षक ने बताया कि सुरक्षा गार्ड इंचार्ज देवेन्द्र शुक्ला एवं गार्ड विवेक मिश्रा को निलंबित किया है। साथ ही मामले की जांच कराई जा रही है।
बताया गया कि संजय गांधी अस्पताल के जिन सीएमओ डॉ. अलख प्रकाश के कक्ष में मारपीट की घटना हुई है वे पूर्व में रिश्वत लेते हुए पकड़े गए थे। लोकायुक्त की टीम ने उनको एमएलसी बनाने के लिए 10 हजार की रिश्वत लेते जुलाई 2021 में ट्रैप किया था। मामले में 20 हजार का सौदा हुआ था। पीडि़त अमित तिवारी ने तीन किस्तों में यह धनराशि देना स्वीकार किया था। वह 5-5 हजार की दो किस्त पहले ही दे चुका था। तीसरी किस्त के 10 हजार रुपए देने आया था, तभी लोकायुक्त ने उसे रंगे हाथों धर दबोचा। सीएमओ ने यह पैसे अपने हाथ में लेने की बजाय अपने क्लीनिक के कंपाउंडर रणजीत अग्निहोत्री के माध्यम से लिए। ऐसे में लोकायुक्त ने डॉ अलख प्रकाश तथा उनके कंपाउंडर रणजीत अग्निहोत्री को गिरफ्तार कर लिया था। अब इस घटना ने उनकी कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर दिया कि आखिर उनके कक्ष में सुरक्षा गार्ड ने कैसे मारपीट शुरू कर दी।
दीपक तिवारी, थाना प्रभारी अमहिया
डॉ. अवतार सिंह यादव, अधीक्षक संजय गांधी अस्पताल रीवा