सावधान: विभाग ने शिक्षकों को किया अलर्ट, अब साइबर ठगों के निशाने पर आ रहे हैं शिक्षक, घोटाले का डर दिखाकर ऐसे देते हैं धमकी
सोशल मीडिया पर देते झांसा
आरोपी पोंजी स्कीमों को कई सोशल मीडिया समूहों के माध्यम से लोगों को आकर्षित करते थे। बैंक खातों के लेन-देन एवं क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट के विश्लेषण से सामने आया कि इन स्कीमों से प्राप्त रकम को क्रिप्टोकरेंसी में परिवर्तित किया जा रहा था, ताकि उसके स्रोत को छिपाया जा सके।सर्च में यह मिला
सीबीआइ को 10 ठिकानों पर सर्च में 34.20 लाख रुपए के अलावा सात मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, एक टेबलेट, तीन हार्ड डिस्क, 10 पेन ड्राइव, मेमोरी कार्ड, सिम कार्ड, डेबिट और एटीएम कार्ड, ईमेल खाते और कई आपत्तिजनक दस्तावेज सहित महत्वपूर्ण डिजिटल साक्ष्य मिले। आरोपियों के क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट से लगभग 38,414 अमरीकी डॉलर की संपत्ति जब्त की गई, जिसे जांच के लिए डिजिटल रूप से सुरक्षित किया है। आरोपियों के क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों पर कई बैंक खाते और वर्चुअल डिजिटल एसेट वॉलेट हैं। दो वर्ष के अंतराल में इन खातों और वॉलेट्स में 350 करोड़ रुपए से ज्यादा के लेन-देन हुए।रहें अलर्ट…सार्वजनिक वाई-फाई से हैकर्स कर सकते डिवाइस में प्रवेश, 8970 बच्चों को बताए साइबर ठगी से बचने के तरीके
वॉलेट में करते लेन-देन
सीबीआइ जांच में सामने आया कि आरोपियों के पास कई बैंक खाते एवं क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज जैसे CoinDCX, WazirX, Zebpay तथा BitBns के साथ वर्चुअल डिजिटल एसेट (VDA) वॉलेट हैं। धोखाधड़ी के लिए इनमें लेन-देन करते थे।