प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात चिकित्सक और स्टाफ नर्स जरूरत पडऩे पर मरीजों के लिए मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों से इ-संजीवनी पोर्टल का उपयोग कर टेली-कंसल्टेशन करेंगे। इस पहल से ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में लोगों को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा का लाभ मिल सकेगा।
17 मेडिकल कॉलेज चिह्नित
योजना को कारगर बनाने के लिए इससे जुड़े प्रदेश के 17 मेडिकल कॉलेजों को हब सेंटर बनाया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक सेंटर को 15 लाख रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है। इनमें भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, रीवा, शिवपुरी, दतिया, छिंदवाड़ा, खण्डवा, रतलाम, विदिशा, शहडोल, सतना, मंदसौर, सिवनी एवं नीमच मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। ये भी पढ़ें: सरोगेसी के नियमों में बड़ा बदलाव, संतान सुख पाने के लिए सरकार ने दी बड़ी राहत पहले चरण में रीवा, सागर और जबलपुर संभाग
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल कार्यालय से जारी निर्देशों के अनुसार इस सुविधा का पहला चरण रीवा, सागर और जबलपुर संभाग के जिलों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से शुरू होगा। इसके तहत सतना मेडिकल कॉलेज से सतना, मैहर, उमरिया और बालाघाट जिलों को जोड़ा गया है।
टेली कंसल्टेशन सेवा प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक उपलब्ध होगी। जनरल मेडिसिन, स्त्री रोग विशेषज्ञ और शिशु रोग विशेषज्ञ मरीजों को ऑनलाइन परामर्श देंगे। ई-संजीवनी पोर्टल के जरिए की गई इस सेवा की निगरानी केंद्र प्रभारी और नोडल अधिकारी करेंगे।
डॉक्टरों को मिलेगा प्रोत्साहन
सेवा के सुचारू संचालन के लिए डॉक्टरों और विशेषज्ञों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। हब सेंटर के विशेषज्ञ और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों को हर कॉल के लिए 50 रुपए प्रोत्साहन के रूप में दिए जाएंगे। योजना के क्रियान्वयन को लेकर 23 जनवरी को भोपाल में कार्यशाला का आयोजन किया गया। सतना से बाल्य एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रभात सिंह बघेल, प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सौम्या मिश्रा और जनरल मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. बद्री विशाल सिंह ने इसमें हिस्सा लिया।