यह हैं खबरें: इन 5 पत्तों को शिवलिंग पर अर्पित करने से भगवान शिव होंगे प्रसन्न, दूर हो जाएंगे सभी कष्ट थानेदारों को सौंपी जिम्मेदारी दरअसल, सभी कावड़ मार्गों से भांग के पेड़ कटवाए जाने हैं। इस कारण पुलिस थानेदारों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में पड़ने वाले कांवड़ मार्ग का भ्रमण करेंगे और वहां भांग के पेड़ों की तलाश करेंगे। पेड़ तलाशने के बाद इन्हें कटवाया जाएगा और कावड़ मार्ग को साफ किया जाएगा।
यह हैं खबरें: Good News: कांवड़ यात्रा के दौरान अगले साल से नहीं बंद होगा दिल्ली-देहरादून हाईवे, शासन करेगा यह इंतजाम सरसावा चेकपोस्ट से काली नदी तक हटाए जाएंगे पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्ग से भांग के पेड़ों को चिन्हित किया जाएगा। भांग के पेड़ कटवाए जाने के आदेश सहारनपुर में भी पहुंच गए हैं। सहारनपुर में हरियाणा के बॉर्डर सरसावा चेक पोस्ट से उत्तराखंड के बॉर्डर काली नदी चेकपोस्ट तक कांवड़ मार्ग के दोनों ओर भांग के पेड़ों को चिन्हित किया जा रहा है। संबंधित थाना अध्यक्ष इन कावड़ मार्ग पर भ्रमण कर रहे हैं और भांग के पेड़ों की तलाश कर रहे हैं।
यह हैं खबरें: कांवड़ यात्रा की वजह से यह नेशनल हाइवे इस तारीख से पूरी तरह बंद होने जा रहा एसपी देहात ने की पुष्टि इस संदर्भ में सहारनपुर के पुलिस अफसरों की ओर से सभी थानाध्यक्षों को निर्देशित कर दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में भांग के पेड़ों की जांच करें। इसके बाद संबंधित विभाग से बातचीत करके इन भांग के पेड़ों को कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले ही कटवा दें। एसपी देहात विद्यासागर मिश्र ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि भांग के पेड़ों को चिन्हित कराया जा रहा है।
यह हैं खबरें: कांवड़ यात्रा 2018: शिवभक्त लाठी आैर त्रिशूल अपने साथ ले जा सकेंगे, योगी सरकार के ये अफसर बता नहीं पाए यह है वजह बता दे कि महादेव बाबा भोलेनाथ के भक्त कांवड़ियां कई बार भांग पी लेते हैं। इससे कांवड़ यात्रा के दौरान कई परेशानियां खड़ी हो जाती हैं। यही कारण है कि पुलिस भांग के पेड़ों को कावड़ मार्ग के आसपास नहीं होने देना चाहती है। इस वजह से कावड़ मार्ग से भांग के पेड़ों को कटवाने के निर्देश दिए गए हैं।