यह भी पढ़ें: कैराना उपचुनाव Result Live- इतने वोटों से आगे निकल गईं गठबंधन की उम्मीदवार, भाजपा के लिए बड़ी मुश्किल गठबंधन नहीं महागठबंधन गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव हारने के बाद भाजपा के लिए यह बहुत बड़ा झटका है। गोरखपुर और फूलपुर में सपा और बसपा ने मिलकर भाजपा को शिकस्त दी थी जबकि कैराना व नूरपुर में सपा और रालोद ने हाथ मिलाया है। नामांकन से ठीक पहले रालोद उपाध्यक्ष
जयंत चौधरी और सपा अध्यक्ष
अखिलेश यादव की मुलाकात ने सब बदल दिया था। इसके बाद तबस्सुम हसन ने रालोद और नईमुल हसन ने सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा। मतदान से पहले कांग्रेस ने भी तबस्सुम हसन के समर्थन का ऐलान कर भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी कर दी थी। कांग्रेस के अलावा पीस पार्टी,
आम आदमी पार्टी और निसाद पार्टी ने भी सपा व रालोद के प्रत्याशियों को समर्थन देने का ऐलान किया था। इतना ही नहीं तबस्सुम हसन के देवी कंवर हसन भी लोकदल को धोखा देकर गठबंधन के साथ खड़े हो गए थे।
यह भी पढ़ें: सीट हारने के बाद भाजपा प्रत्याशी ने गठबंधन प्रत्याशी को कह दी ऐसी बात, चारों ओर हो रही चर्चा दलितों का भी काफी वोट गया गठबंधन को इस ‘महागठबंधन’ में अगर बसपा को छेाड़ दें तो लगभग सभी पार्टियां भाजपा के खिलाफ एक हो गई हैं। वैसे तो बसपा सुप्रीमो
मायावती ने उपचुनाव से दूर रहने की बात कही थी लेकिन इस चुनाव में दलितों का काफी वोट गठबंधन उम्मीदवार के पक्ष में पड़ा है। इससे साफ है कि कहीं न कहीं अंदरखाने गठबंधन का समर्थन हो रहा था।
यह भी पढ़ें: चुनाव जीतते ही सपा के इस नेता ने किया यह बड़ा ऐलान, भाजपा नेताओं के चेहरे की गायब हुई रौनक 73 बूथों पर हुआ था पुनर्मतदान आपको बता दें कि कैराना लोकसभा सीट पर 28 मई को मतदान हुआ था। इसमें कई जगह ईवीएम खराब होने की शिकायत मिलने के बाद चुनाव आयाेग ने कैराना के 73 बूथों पर पुनर्मतदान कराने का निर्णय लिया था। 30 मई को सहारनपुर के 68 और शामली के पांच बूथों पर रीपोलिंग हुई थी। इसके बाद गुरुवार को मतगणना शुरू हुई तो रालोद उम्मीदवार तबस्सुम हसन ने बढ़त बना ली। जो कई राउंड बीत जाने के बाद भी कायम रही।