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पहले चरण में कैराना प्रत्याशी से काफी आगे निकली गठबंधन प्रत्याशी
28 मर्इ को कैराना आैर नूरपुर उपचुनाव की वोटिंग हुर्इ थी। हालांकि वोटिंग के दिन र्इवीएम मशीनों के खराब होने की वजह से काफी हंगामा रहा।इतना ही नहीं र्इवीएम की खराब के चलते कुछ बूथों पर कैराना में एक दिन बाद फिर से वोटिंग करार्इ गर्इ। इसकी का परिणाम गुरुवार को पहले चरण में सामने आया। जहां कैराना में ग्यारह बजे तक गठबंधन प्रत्याशी तबस्सुम हसन के करीब 191529 हजार वोटों से आगे चल रही है। वहीं भाजपा की मृगांका 164604 वोट रहें। इसमें तबस्सुम भाजपा प्रत्याशी से करीब 26 हजार वोटों से आगे चल रही है। वहीं नूरपुर में भी गठबंधन प्रत्याशी भाजपा प्रत्याशी अवनि सिंह से करीब पांच हजार वोटों से आगे चलते रहे है।
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दुश्मनों में भी यह रही सियासी दुश्मनी, एक होकर निकले आगे
कैराना उपचुनाव में नामांकन के दौरान रालोद उम्मीदवार तबस्सुम हसन के खिलाफ सपा, बसपा और कांग्रेस ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा। उनके रास्ते में सबसे बड़े रोड़ा उनके ही देवर कंवर हसन बने हुए थे, जिन्होंने परिवार में समझौता होने के बाद तबस्सुम को ही समर्थन दे दिया था। तबस्सुम हसन और कंवर हसन के बीच समझौता कराने में कांग्रेस नेता इमरान मसूद ने मुख्य भूमिका निभार्इ। तबस्सुम के परिवार और इमरान मसूद के रिश्ते कभी अच्छे नहीं रहे।तबस्सुम के बेटे व सपा नेता नाहिद हसन आैर इमरान मसूद के बीच हमेशा छत्तीस का आंकड़ा रहा। सपा नेता बलराम यादव की मौजूदगी में दोनों परिवारों के बीच सुलह समझौता हुआ।कंवर हसन के चुनाव से हटने के बाद पूरा परिदृश्य ही बदल गया। भाजपा ने इसे भांपते हुए ही अपना चुनाव प्रचार किया।किसी भी दल के खिलाफ विपक्षी दलों के बीच यह एकता कभी किसी चुनाव में नहीं दिखी।फिर यहां तो भाजपा के खिलाफ सभी दल एक मंच पर खड़े हुए थे। इसका असर गुरुवार को पहले चरण में देखने को मिल रहा है। जहां कैराना में 12 राउंड तक की काउंटिंग में गठबंधन प्रत्याशी भाजपा प्रत्याशी को हजारों की वोटों पछाड़ती नजर आर्इ।