इस बात के सबूत महमूद अली ने पुलिस अधिकारियों को देकर मामले की निष्पक्ष जांच कराने की गुहार लगाई है। मामले में मिर्ज़ापुर थाने में हथियारों के बल पर जमीन कब्जाने का मुकदमा दर्ज किया गया है। इतना ही नहीं महमूद अली ने भाजपा नेताओं पर राजनीतिक विद्वेष के चलते फंसाने का आरोप लगाया है। दरअसल थाना मिर्जापुर इलाके के गांव फतेहपुर निवासी पल्ला पुत्र साधूराम ने पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल उर्फ बाला, उनके पुत्र जावेद, वाजिद, अलीशान, अफजाल सहित नसीम और राव लईक के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट सहित जमीन कब्जाने को लेकर तमाम धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।
पीड़ित पल्ला ने पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल उर्फ बाला ने भूमाफियाओं के साथ फर्जी कंपनियां बनाकर उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया। पल्ला और परिवार के लोग चार मार्च को जब खेत पर गए तो हाजी इकबाल के परिवार ने हमला बोल दिया। पीड़ित ने आरोप लगाया है कि उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई। पल्ला ने परिवार के साथ जैसे-तैसे से भागकर जान बचाई।
इस पुराने मामले को लेकर अब एमएलसी का परिवार सामने आया है। पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल के भाई एवं बसपा के वर्तमान एमएलसी महमूद अली ने मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा है। एमएलसी महमूद अली का कहना है कि उनको षड्यंत्र के तहत फंसाया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार पर अपने परिवार के उत्पीड़न का भी आरोप लगाया।
आरोप लगाते हुए बसपा नेता ने कहा कि हमारा परिवार राजनीतिक परिवार है। बड़े भाई हाजी इकबाल बसपा के एमएलसी रहे हैं। भतीजा ग्लोकल यूनिवर्सिटी का वॉइस चांसलर (कुलपति) है, जबकि एक भाई ग्राम प्रधान है। वह खुद जिला पंचायत का चुनाव भी लड़ चुके हैं। उनके खिलाफ साजिश की जा रही है। उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है। हालांकि पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल अभी भी अंडरग्राउंड ही है।