नगरफोर्ट थाना क्षेत्र समरावता में 13 नवम्बर को मतदान के दौरान हुई हिंसा को लेकर सोमवार देर रात भारत आदिवासी पार्टी के तीन विधायक थावरचंद डामोर, जयकृष्ण पटेल, कमलेश्वर डोडियार व राष्ट्रीय सदस्य कांति भाई रोत, जितेंद्र मीणा और हंसराज धांध्या समरावता गांव पहुंचे। इस दौरान समरावता में रात्रि चौपाल का आयोजन किया। तीनों विधायकों ने गांव वालों से
नरेश मीणा द्वारा एसडीएम को थप्पड़ मारने और घटना की जानकारी ली। तीनों विधायकों ने कहा कि भारत आदिवासी पार्टी के लोग फैक्ट रिपोर्ट तैयार करके मानवाधिकार आयोग एवं अनुसूचित जनजाति आयोग को भेजेंगे और विधानसभा व संसद में समरावता के लोगों की आवाज बुलंद करेंगे।
आरोप-पुलिस ने महिलाओं पर बरसाई लाठियां
समरावता की महिलाओं ने कहा कि पुलिस ने बिना महिला पुलिस के गांव की महिलाओं पर लाठियां बरसाई है, जिसमें कई महिलाओं के चोटें लगी है। इस दौरान विधायकों ने लोगों को आश्वासन देते हुए कहा कि पूरे घटनाक्रम की जांच करवाई जाएगी। जांच के बाद दोषियों को सजा दिलाई जाएगी। तीनों विधायकों ने सरकार से की ये मांग
इसके बाद तीनों विधायकों और पदाधिकारियों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि समरावता गांव वासियों को 50 करोड़ का मुआवजा दिया जाए । समरावता गांव को उनियारा में जोड़ने, हिंसा के जिम्मेदार अधिकारियों को बर्खास्त करने और कलक्टर , जिला पुलिस अधीक्षक, एसडीएम को सस्पेंड करें। उन्होंने कहा कि सभी फर्जी केस वापस लेकर नरेश मीणा और सभी युवाओं को तत्काल प्रभाव से रिहा किया जाना चाहिए और पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच की जाए।
थप्पड़कांड के बाद समरावता गांव में मचा था बवाल
गौरतलब है 13 नवम्बर को मतदान के दौरान समरावता गांव निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना ने एसडीएम एरिया मजिस्ट्रेट अमित चौधरी के थप्पड़ मारने के बाद हुई हिंसा में समरावता गांव में नरेश मीणा के समर्थकों को पुलिस में झड़प हुई। उसके बाद गांव में आगजनी व पत्थरबाजी की घटना घटित हुई ,जिसमे पुलिस के जवान व समरावता गांव के ग्रामीण चोटिल हुए थे।