कुचबंदिया/पारदी गिरोह पर शक
बुधवार शाम गल्ला व्यापारी की कार से चोरी हुए 10 लाख रुपए के मामले में पुलिस के हाथ कुछ अहम सुराग लगे हैं। बुधवार देर रात तक चली पड़ताल के बाद सिविल लाइन, कोतवाली, मोतीनगर थाना पुलिस के साथ अधिकारी परकोटा स्थित बैंक पहुंचे और करीब 2 घंटे तक सीसीटीवी फुटेज खंगालते रहे। इसके बाद उन्होंने आसपास की दुकानों के सीसीटीवी देखे तो उसमें 2 संदिग्ध नजर आए हैं। पुलिस को कुचबंदिया, पारदी गिरोह पर वारदात को अंजाम देने का अंदेशा है।
50 लाख रुपए निकाले थे बैंक से
गौरझामर पुलिस थाने के सामने रहने वाले 57 वर्षीय गल्ला व्यापारी अजय कुमार पुत्र प्रेमचंद जैन ने पुलिस से की शिकायत में बताया कि व्यापार के लेनदेन को लेकर आए दिन परकोटा स्थित एचडीएफसी बैंक आना-जाना होता है। बुधवार 13 नवंबर को उन्होंने बैंक से 50 लाख रुपए निकाले, जिसमें से एक बैग में 40 लाख रुपए और दूसरे बैग में 10 लाख रुपए रखकर अपने ड्राइवर लक्ष्मीकांत विश्वकर्मा के साथ वापस अपने घर गौरझामर के लिए निकले। दोनों दोपहर करीब 3.40 बजे चितौरा गांव के पहले दुकान पर नाश्ता करने लगे और इसी दौरान बदमाश 10 लाख रुपए वाला बैग चोरी कर भाग गए।
हर बार जवाब देने से बचती रहती है पुलिस
जिले में चोरी, लूट, डकैती, हत्या, बलात्कार, अपहरण जैसी घटनाएं लगातार बढ़ रहीं हैं। पुलिस पर आरोपियों से सांठगांठ के आरोप लग रहे हैं तो हालही में ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं, जिनमें आपराधिक गतिविधियों में पुलिस की संलिप्ता मिली है। इन सब पर अंकुश लगाने की जगह पुलिस अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। चितौरा में हुई चोरी सह लूट कहे जाने वाले इस मामले में कोई भी अधिकारी जवाब देने तैयार नहीं है। गल्ला व्यापारी अजय जैन की शिकायत पर सिविल लाइन थाना पुलिस ने बुधवार रात 8.59 बजे एफआइआर दर्ज कर ली थी। घटना के संबंध में जब थाना पुलिस से जानकारी नहीं मिली तो सीएसपी नीलम चौधरी से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने थोड़ी देर में बात करने का बोल जवाब नहीं दिया। मामले को लीड कर रहे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लोकेश सिन्हा हर बार की तरह मौन रहे। वहीं एसपी विकास शाहवाल से बात की तो उन्होंने एडिश्नल एसपी द्वारा जांच किए जाने का बोल जवाब देने से पल्ला झाड़ लिया। यह पहला मामला नहीं है, इसके पहले भी थाना स्तर के मामलों में पुलिस महानिरीक्षक को दखल देना पड़ा है।