शादी का सीजन शुरु होते ही बाल विवाह के रोकथाम के लिए उडऩदस्तों का गठन किया गया। इन उडऩदस्ता में समस्त अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद, सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी, समस्त चिकित्सा अधिकारी एवं थाना प्रभारियों को शामिल किया गया। यह उडऩदस्ता लगातार जिले में भ्रमण करते हुए यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी स्थिति में बाल विवाह न हो। यदि बाल विवाह होना पाया जाता है तो उस स्थिति में वर एवं वधु पक्षों के सभी उत्तरदायी व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
सीजन शुरू होते ही टीम सक्रिय
महिला एवं बाल विकास जिला कार्यक्रम अधिकारी बृजेश त्रिपाठी ने बताया कि शादी का सीजन शुरू होते ही टीम सक्रिय हो गई हैं। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत वर-वधु पक्ष के लिए नियम रहेंगे। अब शादी कार्ड पर वर-वधु की उम्र का जिक्र करना होगा। सामूहिक विवाह करने वाले आयोजक शपथ पत्र प्रस्तुत करेंगे कि आयोजनों में बाल विवाह संपन्न नहीं करेंगे। इसी तरह प्रिंटिंग प्रेस, हलवाई, केटरर, धर्मगुरू, बैन्डवाला, ट्रांसपोर्ट एवं समाज के मुखिया से अनुरोध किया जाए कि उम्र संबंधी प्रमाणपत्र प्राप्त कर परीक्षण के बाद विवाह में सेवाएं देंगे।
सबसे ज्यादा सागर में रोके बाल विवाह
विशेष किशोर इकाई की सदस्य ज्योति तिवारी ने बताया कि संभाग में सबसे ज्यादा बाल विवाह सागर जिले से पिछले सालों में रोके गए हैं। जिले में 550 बाल विवाह रुकवाए हैं। उन्होंने बताया कि बेटियों की कम उम्र में माता-पिता आज भी शादी करना चाहते हैं। हमारी टीन ने गांव-गांव में जाकर बाल विवाह रुकवाया है।