शिक्षक दिवस पर भाषण – Teacher’s Day Hindi Speech 2019
मंचासीन प्राचार्य, शिक्षकों और मित्रगणों को नमस्कार…
जैसा कि आप सभी को विदित है कि आज शिक्षक दिवस है। इस विशेष मौके पर सबसे पहले मैं अपने शिक्षकों से आशीर्वाद लेना चाहूंगा, जिन्होंने मुझे इस लायक बनाया कि आज इस मंच से अपने शिक्षक के बारे में विचार रख सकूंगा। यह तब की बात है जब मैं कोई 4 वर्ष का था। मां बताती है कि तुम्हारा जब स्कूल में एडमिशन कराया तो तुम स्कूल जाने में बहुत रोया करते थे। तब स्कूल टीचर आपको मां जैसा प्यार देती, आपको समझाती और खेलने के लिए संसाधन उपलब्ध कराती थी। मैं तो उस वक्त ही शिक्षक का ऋणी हो गया था। तब से लेकर अब तक शिक्षकों ने मुझे जैसे ढाला, मैं ढलता गया और आज में इस लायक हो गया हूं कि अपने शिक्षक पर भाषण दे सकता हूं। आप सभी मित्रों को बताना चाहूंगा कि शिक्षा के मंदिर में शिक्षक ही भगवान होता है और हम सब भक्त। जिनकी छत्रछात्रा ही हमारा भविष्य तय करती है। मैं अपने शिक्षकों को हमेशा याद करता रहूंगा और उनके ऋण को कभी नहीं भूलूंगा। आज शिक्षक दिवस के मौके पर मैं दो और शिक्षकों के बारे में विचार रखना चाहूंगा। जो कि मेरे माता-पिता और दोस्त हैं। इन्होंने भी मेरे जीवन में शिक्षा के अनेक रंग घोलने का कार्य किया है। अच्छे, बुरे की शिक्षा के साथ ही मानव बनकर मानव धर्म निभाने तक की बात की शिक्षा दी है। मैं सदैव सभी का आभारी रहूंगा। मित्रों, अंत में मैं यह भी बताना चाहूंगा कि शिक्षक दिवस देश के प्रथम उप राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के मौके पर मनाया जाता है। जो प्रति वर्ष 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस विशेष दिवस की आप सभी को शुभकामनाएं। गुरुओं के चरण में शीष नमन करते हुए मैं आपना भाषण यहीं समाप्त करता हूं।भारत माता की जय भारत माता की जय भारत माता की जय
जय हिंद