script11 मिनट में मौके पर पहुंची साइबर टीम, 15 घंटे से डिजिटल अरेस्ट व्यापारी को छुड़ाया | Cyber team reached the spot in 11 minutes and rescued the businessman who was under digital arrest for 15 hours | Patrika News
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11 मिनट में मौके पर पहुंची साइबर टीम, 15 घंटे से डिजिटल अरेस्ट व्यापारी को छुड़ाया

डिजिटल अरेस्ट का जिले का पहला मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र में आया है, जहां साइबर ठगों ने एक व्यापारी को हवाला के केस में फंसाने की धमकी देकर डिजिटल अरेस्ट कर लिया।

सागरJan 23, 2025 / 05:09 pm

Madan Tiwari

सिविल लाइन थाना क्षेत्र का मामला, हवाला का लेनदेन के आरोप लगा किया था डिजिटल अरेस्ट

सागर. डिजिटल अरेस्ट का जिले का पहला मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र में आया है, जहां साइबर ठगों ने एक व्यापारी को हवाला के केस में फंसाने की धमकी देकर डिजिटल अरेस्ट कर लिया। हालांकि इस मामले में सागर साइबर सेल ने व्यापारी को ठगी से बचा लिया। सूचना लगते ही टीम 11 मिनट के अंदर व्यापारी के घर पहुंची और उसे डिजिटल अरेस्ट से मुक्त कराया।
साइबर सेल के अनुसार 13 जनवरी की रात करीब 8 सिविल लाइन थाना क्षेत्र निवासी एक प्रतिष्ठित व्यापारी के पास एक फोन आया, जिसने खुद को सीबीआई का अधिकारी बताया। उसने व्यापारी को गिरफ्तारी वारंट सहित अन्य नोटिस भेजे, जिसमें उसको हवाला करने का आरोपी बताया गया। व्यापारी ठगों की धमकी से डरा और पूरी रात कमरे में बंद रहा। दूसरे दिन सुबह करीब 10.30 बजे टॉयलेट जाने के बहाने घर के दूसरे नंबर से अपने एक मित्र को मैसेज किया, जिसने जानकारी सागर एसपी को दी। एसपी ने साइबर सेल प्रभारी उमेश यादव, प्रधान आरक्षक सौरभ रायकवार, हेमेंद्र सिंह व कुलदीप सिंह व्यापारी के घर पहुंची तो देखा कि वह मोबाइल के सामने बैठा है और वहां एक वर्दीधारी व्यक्ति उन्हें डरा-धमका रहा है।

– दूसरे प्रदेशों के निकले नंबर

साइबर सेल के अनुसार डिजिटल अरेस्ट करने वाले ठगों ने पीडि़त को अलग-अलग 3 मोबाइल नंबर से फोन लगाए थे, जब उन मोबाइल नंबर की जांच-पड़ताल की तो पता चला कि तीनों अलग-अलग राज्यों के व्यक्तियों के नाम पर पंजीकृत थे। एक नंबर राजस्थान, दूसरा पश्चिम बंगाल तो तीसरा नंबर हरियाणा के व्यक्ति के नाम पर दर्ज था।

– जागरुकता से वापस लौटे ठगी के रुपए

केस-1

शुक्रवारी क्षेत्र निवासी महिला के क्रेडिट कार्ड को हैक कर साइबर ठगों ने ऑनलाइन 1.70 लाख रुपए कीमत के 2 आइफोन ऑर्डर कर दिल्ली का पता दिया। महिला ने समय से 1930 और नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तत्काल आर्डर कैंसिल कराया। इसके बाद संबंधित बैंक को जानकारी देकर उसे ठगी से बचा लिया।
केस- 2

रहली व मालथौन थाना क्षेत्र में एक ही तरीके दो मामले सामने आए, दोनों के सेंट्रल बैंक में खाते थे। अचानक कोई तकनीकी समस्या आई और उनके मोबाइल से ऑटोमेटिक मैसेज और ओटीपी अन्य नंबर पर सेंड होने लगीं। मालथौन के व्यक्ति के खाते से 3.50 लाख रुपए तो रहली क्षेत्र के व्यक्ति के खाते से एक लाख रुपए साइबर ठगों ने ट्रांसफर कर लिए। पीडि़तों ने साइबर सेल की मदद ली और उनके ठगी के रुपए वापस हो गए। एक मामले में बैंक को भी केस में पार्टी बनाया गया है।

– व्यापारी 10 लाख रुपए देने वाला था

डिजिटल अरेस्ट जैसा कानून में कोई प्रावधान नहीं है। सिविल लाइन क्षेत्र के जिस व्यापारी को टीम ने डिजिटल अरेस्ट से मुक्त कराया, उनका कहना था कि वह इतने डर गए थे कि ठगों को कुछ ही देर में 10 लाख रुपए ट्रांसफर करने वाले थे, लेकिन उन्होंने समय से शिकायत की और ठगी से बच गए।
विकास शाहवाल, एसपी, सागर

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