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एमपीआरडीसी के हाथ से निकला मकरोनिया फ्लाइओवर प्रोजेक्ट, 50 हजार लोग हर दिन हो रहे परेशान

सागर. मकरोनिया फ्लाइओवर निर्माण का मामला अब ठंडे बस्ते में चला गया है। एमपीआरडीसी (मप्र रोड डवलपमेंट कार्पोरेशन) इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा था और निर्माण एजेंसी भी नियुक्त हो गई थी लेकिन स्थानीय लोगों को विरोध किया तो प्रोजेक्ट की डीपीआर को रिवाइज्ड किया गया। 6 महीने तक भोपाल व दिल्ली में प्रस्ताव […]

सागरNov 15, 2024 / 05:51 pm

अभिलाष तिवारी

  • अब नए सिरे से एनएचएआई शुरू करेगा प्रक्रिया
  • खींचतान से खटाई में पड़ गया मकरोनिया फ्लाइओवर, पीली कोठी व राहतगढ़ आरओबी के काम पर चर्चा ही नहीं
  • अभी तक 25 प्रतिशत काम हो जाता पूरा
सागर. मकरोनिया फ्लाइओवर निर्माण का मामला अब ठंडे बस्ते में चला गया है। एमपीआरडीसी (मप्र रोड डवलपमेंट कार्पोरेशन) इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा था और निर्माण एजेंसी भी नियुक्त हो गई थी लेकिन स्थानीय लोगों को विरोध किया तो प्रोजेक्ट की डीपीआर को रिवाइज्ड किया गया। 6 महीने तक भोपाल व दिल्ली में प्रस्ताव लंबित रहने के बाद अब एमपीआरडीसी से इस प्रोजेक्ट को एनएचएआई को टैंडओवर करने के निर्देश मिले हैं। विशेषज्ञों की माने तो फ्लाइओवर का मामला अब लटक गया है। मकरोनिया चौराहे से प्रतिदिन 50 हजार से ज्यादा लोगों की आवाजाही रहती है और यहां पर सुबह से शाम तक यातायात जाम की स्थिति बनी रहती है।

अब तक 25 प्रतिशत कार्य हो जाता पूर्ण

विभाग के अधिकारियों की माने तो ग्राउंड लेवल पर सर्वे शुरू हो गया था। करीब एक साल तक मामला लंबित रहा। इतने समय में सारी प्रक्रिया पूर्ण करने के साथ ही अब तक जमीनी स्तर पर करीब 25 प्रतिशत तक कार्य पूरा हो जाता।

साल-दर-साल बढ़ रहा यातायात

सागर से दमोह, जबलपुर, कटनी, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, नरसिंहपुर समेत अन्य जगहों पर जाने के लिए मकरोनिया चौराहे से गुजरना पड़ता है। इसके अलावा लोकल ट्रैफिक भी रहता है। इस वजह से इस चौराहे की स्थिति यातायात जाम के मामले में गंभीर बनी रहती है। यहां पर साल-दर-साल यातायात का दबाव बढ़ता जा रहा है, इधर अब तक किए गए तमाम प्रयोग विफल साबित हुए हैं।

जिले के लिए एक साथ स्वीकृत हुए थे 8 आरओबी-फ्लाइओवर

दो साल पूर्व तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री व रहली विधायक गोपाल भार्गव ने सागर जिले के लिए एक साथ 8 रेलवे ओवरब्रिज व फ्लाइओवर स्वीकृत कराए थे। इसमें से एक मकरोनिया फ्लाइओवर भी थी। स्वीकृति के बाद सभी की कागजी कार्रवाई तेज गति से पूरी हुई लेकिन मकरोनिया फ्लाइओवर में पेच फंस गया।

फैक्ट फाइल

– 50 हजार लोग प्रतिदिन चौराहे से निकलते हैं

– 12 माह पहले हो गए थे टेंडर

– 6 माह पहले रिवाइज्ड प्रपोजल भेजा गया

जिम्मेदार बोले

– मैनें तत्कालीन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर एक साल में पूरे प्रदेश में 135 आरओबी व फ्लाइओवर स्वीकृत कराए थे। सागर जिले में 8 हुए थे। अधिकांश का काम भी चालू हो गया था। वर्तमान की स्थिति पता नहीं। – गोपाल भार्गव, पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री सह विधायक रहली विस
– विभाग को रिवाइज्ड प्रपोजल भेजा था, लेकिन अब निर्देश मिले हैं कि इस कार्य को एनएचएआई करेगा। हमारे विभाग ने अब तक जो कार्य किया है, वह सारी जानकारी एनएचएआई को भेज रहे हैं। – एनके बरवे, संभागीय महाप्रबंधक, एमपीआरडीसी

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