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देश के 40 टॉप संस्थानों में शामिल हुआ विश्वविद्यालय, एआइ की पढ़ाई से गढ़ रहे छात्रों का भविष्य

विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग को एडुरैंक की रैंकिंग में शीर्ष दस में शामिल किया गया। नवाचारी शोध में देश भर के संस्थानों में टॉप 40 में शामिल हुआ है।

सागरDec 31, 2024 / 04:41 pm

Rizwan ansari

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डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय में वर्ष 2024 में कई नवाचार किए गए। विश्वविद्यालय में भारतीय ज्ञान परंपरा, पत्रकारिता, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, संगीत, प्रदर्शनकारी कला, अर्थशास्त्र सहित कई विषयों में नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत हुई। इस वर्ष रिकॉर्ड संख्या में विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया। 25 राज्यों के विद्यार्थी इस समय विश्वविद्यालय में अध्ययनरत हैं। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने बताया कि समर्थ पोर्टल के समस्त 44 मॉड्यूल लागू कर विश्वविद्यालय को डिजिटल कर समस्त केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए प्रेरणास्रोत बना। विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों की डिग्री ऑनलाइन जारी करते हुए ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग को एडुरैंक की रैंकिंग में शीर्ष दस में शामिल किया गया। नवाचारी शोध में देश भर के संस्थानों में टॉप 40 में शामिल हुआ है।
राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय फैलोशिप मिली
एक तरफ जहां दर्शनशास्त्र विभाग के शोधार्थियों को भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद की पोस्ट डॉक्टोरल फैलोशिप एवं जूनियर रिसर्च फैलोशिप मिली वहीं प्राणिशास्त्र विभाग के शोधार्थी को जर्मनी की प्रतिष्ठित अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट फैलोशिप भी मिली। जापान के क्योटो विश्वविद्यालय द्वारा रसायन शास्त्र विभाग की शोधार्थी का चयन पोस्ट डॉक्टोरल के लिए हुआ। प्रौढ़ शिक्षा विभाग की शोधार्थी को नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय द्वारा समावेशी शिक्षा पर शोध-पत्र प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया। विधि विभाग के छात्रों ने राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित मूट कोर्ट प्रतियोगिता में पुरस्कार प्राप्त किए।
गौर संग्रहालय की हुई स्थापना
डॉ. हरिसिंह गौर को भारत के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ दिलाने की मुहिम में चलाई गई। विश्वविद्यालय के वैली कैंपस में ‘कला, संस्कृति और शौर्य’ पर केंद्रित ‘गौर संग्रहालय’ की स्थापना की गई जिसमें संग्रहालय में डॉ. गौर से संबंधित साहित्य एवं उनसे जुड़ी सामग्री, उनके जीवन से जुड़ी दुर्लभ जानकारियां एवं सामग्री, जनजातीय संस्कृति पर आधारित प्रदर्शनी एवं सामग्री की प्रदर्शनी, बुंदेलखंड और मध्य प्रदेश के वीर सेनानियों के पोट्रेट शामिल किए गए।

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