पुराने भवन को खाली कराकर तोड़ने का निर्णय
पीआइयू की टीम ने डीन डॉ. पीएस ठाकुर, पूर्व डीन डॉ. रमेश पांडेय के साथ बीते दिन डीन कार्यालय के पीछे खाली पड़ी जमीन और जर्जर एमपीडब्ल्यू ट्रेनिंग सेंटर की बिल्डिंग का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान चार लेक्चर हॉल बनाने के लिए जरूरी जगह देखी। पीआइयू लेक्चर हॉल का नक्शा पहले ही पास करा चुका है, लिहाजा जल्द से जल्द पुराने भवन को खाली करने व तोड़ने पर निर्णय लिया गया।
यह हो रही व्यवस्थाएं
250 एमबीबीएस सीटों की मान्यता के लिए बीएमसी प्रबंधन को अस्पताल में बेड की संख्या करीब 1100 करनी होगी, जो अभी मात्र 750 है। मर्जर के बाद प्रबंधन जिला अस्पताल के 300 बेड दिखा सकता है, वहीं छात्र व शिक्षकों के रहने, पढ़ने-पढ़ाने के लिए प्रबंधन तिली स्थित बीएमसी की खाली पड़ी 50 एकड़ जमीन पर दो हॉस्टल बना रहा है और लेक्चर हॉल की व्यवस्था यहां की जा रही है। 50 बेड की क्रिटिकल केयर यूनिट के लिए भी जगह चिन्हित की जा रही है।
5 साल में नहीं बना पाई व्यवस्था
2019 एनएमसी ने 250 एमबीबीएस सीटों की तैयारी करने के निर्देश बीएमसी प्रबंधन को दिए थे। केंद्र ने अपने हिस्से की राशि दे दी थी, बाद में 2023 में राज्य ने भी अपने हिस्से की 40 प्रतिशत राशि जारी की, लेकिन जगह के अभाव में प्रबंधन इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार नहीं कर पाया और न ही संसाधन जुटाए गए। जिला अस्पताल व बीएमसी के मर्जर के बाद अब सभी रूकावटें दूर हो गईं हैं, लिहाजा अब उम्मीदें बढ़ गईं हैं।
चार लेक्चर हॉल बनाए जाएंगे
एमपीडब्ल्यू ट्रेनिंग सेंटर का पुराना भवन खाली हो गया है। पीआइयू की टीम के साथ निरीक्षण किया था। लेक्चर हॉल बनाने की स्वीकृति पहले से है, जल्द ही 250 यूजी सीटों के हिसाब से 4 लेक्चर हॉल बनाए जाएंगे। – डॉ. पीएस ठाकुर, डीन बीएमसी।