सागर जिले की देवरी विधानसभा सीट पर पिछले दो विधानसभा चुनावों से कांग्रेस का कब्जा रहा है। कांग्रेस के हर्ष यादव इस सीट पर बीते दो बार विधायक चुने आ रहे हैं। इस सीट पर आदिवासी और लोधी समाज के वोटर यहां का गणित बदलते रहे हैं। इस बार भी देखना दिलचस्प होगा कि जनता किस तरफ अपना झुकाव दिखाती है। फिलहाल बात करें इस बार के टिकट वितरण की तो भाजपा ने कुछ दिन पहले ही कांग्रेस छोड़कर आए बृजबिहारी पटैरिया को टिकट देकर उम्मीदवार बनाया है। जबकि कांग्रेस ने अपने दो बार के विधायक हर्ष यादव पर ही तीसरी बार भरोसा जताते हुए इस सीट की उम्मीदवारी सौंपी है।
17 नवंबर को संपन्न हुए चुनाव में देवरी विधानसभा सीट पर 79.04 फीसदी की वोटिंग दर्ज की गई है। वहीं, बात करें 2018 के वोट प्रतिशत की तो पिछली बार इस सीट पर 74.85 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2013 में यहां 72.56 प्रतिशत वोट पड़े थे। देखना दिलचस्प होगा कि इस बार जनता इस सीट से किस उम्मीदवार को चुनकर मध्य प्रदेश की विधानसभा पहुंचाती है।
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विधानसभा के समीकरण
देवरी विधानसभा तीन इलाकों में बंटी हुई है। इसमें केसली क्षेत्र आदिवासी बहुतायत है। वहीं देवरी और गौरझामर क्षेत्र में लोधी, यादव, और ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या अधिक है। साल 2011 की जनगणना पर गौर करें तो देवरी सीट पर 13.4 फीसदी एससी वोटर थे, वहीं एसटी मतदाताओं की संख्या करीब 24 फीसदी है। देवरी विधानसभा में मौजूदा समय में करीब 2 लाख से ज्यादा मतदाता हैं।
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कांग्रेस के हर्ष यादव
देवरी सीट पर कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार बनाए गए हर्ष यादव बीते 10 साल से यहां से विधानसभा के सदस्य हैं। इस सीट पर आदिवासी और लोधी समाज का दबदबा है, इसलिए यही निर्णायक भूमिका निभाते हैं। आदिवासी समाज पर कांग्रेस की मजबूत पकड़ है। इसलिए भी हर बार यहां भाजपा की राह आसान नहीं होती।
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भाजपा के बृजबिहारी पटैरिया
भाजपा की ओर से उम्मीदवार बनाए गए ब्रजबिहारी पटैरिया 1998 में देवरी सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए थे। लेकिन 2008 में पटैरिया चुनाव हार गए थे। 2013 में कांग्रेस ने उनको रहली सीट से चुनाव लड़ाया, लेकिन उन्हें यहां भी हार का ही सामना करना पड़ा। चुनाव से 9 महीने पहले ही वो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। ऐसे में भाजपा ने दूसरी सूची में उन्हें टिकट दे दिया।
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इस बार हर सीट पर कांटे की टक्कर
6 जनवरी 2024 को मध्यप्रदेश विधानसभा का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। उससे पहले 3 दिसंबर को चुनाव आयोग नई विधानसभा के गठन की प्रक्रिया को पूरा कर लेगा। 17 नवंबर को पूरे प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने सभी 230 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। चुनाव से पहले अबतक सामने आए सर्वेक्षणों में ये पता चला है कि इस बार मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान कांग्रेस और भाजपा के बीच हर सीट पर कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी।