यह काम न करें: प्रयागराज के आचार्य प्रदीप पाण्डेय का कहना है कि पौष अमावस्या 23 दिसंबर को है, अमावस्या की तिथि जानकर इस दिन कुछ कामों से परहेज करना चाहिए, वर्ना ये नुकसानदायक हो सकते हैं।
तुलसी बेलपत्र न तोड़ें: आचार्य प्रदीप का कहना है कि कुछ तिथियों पर तुलसी और बेलपत्र तोड़ना ठीक नहीं होता, अगर जरूरी है तो इसे पहले ही तोड़कर रख लें। अमावस्या पर भी पूजा के लिए इन चीजों की जरूरत है तो पहले ही तोड़ लेना चाहिए।
बुजुर्गों का अनादर न करें: अमावस्या को छोटा पितृपक्ष का भी दर्जा है, इस तिथि पर पितरों की शांति के लिए श्राद्ध तर्पण भी किया जाता है। इसलिए इस तिथि पर बुजुर्गों का अनादर नहीं करना चाहिए और यथाशक्ति दान पुण्य भी करना चाहिए। बुजुर्गों का सम्मान न करने से धन हानि की आशंका बनती है।
विवाद न करें: अमावस्या के दिन किसी से लड़ाई झगड़े से बचना चाहिए. इस दिन क्रोध, हिंसा, अनैतिक कार्य से बचना चाहिए। मान्यता है कि इससे पितर नाराज होते हैं। यह भी मान्यता है कि इस दिन नकारात्मक शक्तियां अधिक प्रभावी होती हैं, इसलिए सुनसान जगहों पर जाने से बचना चाहिए। इस दिन ब्रह्मचर्य का भी पालन करना चाहिए।
वृक्षों को नुकसान न पहुंचाएं: भारतीय सभ्यता में पीपल, बबूल, नीम, आंवला सभी पेड़ों की किसी न किसी रूप में पूजा की जाती है। इसलिए अमावस्या के दिन इन वृक्षों को नुकसान पहुंचाने से परहेज करना चाहिए। मान्यता है कि इन सब कृत्यों से पितृ दोष लगता है और संसार के पालक श्रीहरि विष्णु नाराज होते हैं।
पौष अमावस्या का शुभ मुहूर्तः पंचांग के अनुसार पौष अमावस्या तिथि 22 दिसंबर 2022 को शाम 07 बजकर 13 मिनट पर शुरू हो रही है और यह अगले दिन यानी कि 23 दिसंबर 2022 को दोपहर 03 बजकर 46 मिनट तक है। इस तरह उदयातिथि में पौष अमावस्या 23 दिसंबर शुक्रवार को मानी जाएगी।