scriptVIDEO : फिर से खुले आयुर्वेद के द्वार, अब दवा संग ‘पंचकर्म’ से मिट रहा मर्ज | Panchakarma begins after Ayurveda hospital opens in Pali | Patrika News
पाली

VIDEO : फिर से खुले आयुर्वेद के द्वार, अब दवा संग ‘पंचकर्म’ से मिट रहा मर्ज

-आयुर्वेद चिकित्सालय में बंद पंचकर्म चिकित्सा शुरू-रोजाना आ रहे आठ से दस मरीज

पालीMar 23, 2021 / 09:33 am

Suresh Hemnani

VIDEO : फिर से खुले आयुर्वेद के द्वार, अब दवा संग ‘पंचकर्म’ से मिट रहा मर्ज

VIDEO : फिर से खुले आयुर्वेद के द्वार, अब दवा संग ‘पंचकर्म’ से मिट रहा मर्ज

पाली। गंभीर रोगियों को ठीक करने के लिए भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति भी कम कारगर नहीं है। इसमें सिर पर तेल की धारा गिराना, शरीर पर भाप देने आदि से उपचार किया जाता है। ऐसी ही चिकित्सा पाली के धानमंडी स्थित आयुर्वेद चिकित्सालय में शुरू कर दी गई है। हालांकि, पिछले वर्ष 2020 में कोरोना का लॉकडाउन लगने के बाद जिले के आयुर्वेद चिकित्सालय में बंद कर दिया गया था। इस विधि से उपचार कराने के लिए चिकित्सालय में अभी रोजाना करीब आठ से दस मरीज आ रहे हैं। जिनके विशेष कार्ड भी बनाए गए है। उपचार के लिए पंचकर्म विधि के प्रशिक्षित नर्सिंगकर्मियों को समिति के माध्यम से लगाया गया है।
मरीजों को कर रहे भर्ती
पंचकर्म चिकित्सा शुरू करने के साथ बांगड़ चिकित्सालय की तरह जिला आयुर्वेद चिकित्सालय में मरीजों को भर्ती करना भी शुरू किया गया है। अभी चिकित्सालय में दो मरीज भर्ती है। जिनमें से एक महिला पहले स्वयं चिकित्साकर्मी रह चुकी है और गठिया रोग से पीडि़त है। एक व्यक्ति को चमकने व अन्य बीमारी है। उनका उपचार आयुर्वेद के साथ पंचकर्म तकनीक से किया जा रहा है।
यूनिट का लिया जायजा
पंचकर्म यूनिट का सोमवार को आयुर्वेद विभाग के उपनिदेशक डॉ. अशोककुमार शर्मा ने निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों से भी बात की। उन्होंने बताया कि पंचकर्म यूनिट में हर तरह की चिकित्सा शुरू की गई है। हम अब तक कोरोना व स्टाफ की कमी के कारण ऐसा नहीं कर पा रहे थे। अब समिति के माध्यम से दो कार्मिक लगाए है।
मरीजों को पहले देते हैं समय
पंचकर्म में भीड़ अधिक नहीं हो। इसके लिए पहले मरीजों को समय देते हैं। उस समय उनके आने पर पंचकर्म उपचार करते हैं। अभी रोजाना आठ से दस मरीज उपचार के लिए आ रहे है। –डॉ. शिवकुमार शर्मा, चिकित्सा प्रभारी, जिला आयुर्वेद चिकित्सालय, पाली
इन विधियों से कर रहे उपचार
-स्नेहन : शरीर में स्नेह (घी-तेल आदि) का उपयोग किया जाता है। इसमें तलम, पिचू, अक्षीतर्पणम, उद्धवर्तन, करर्ण पूरण आदि विधि करते है।
-नस्य कर्म : इसमें दवा नाक के माध्यम से दी जाती है।
-पत्र पिण्ड स्वेद: औषधिय द्रव्य को तेल आदि से गर्म करके उपयोग करते है।
-शिरोधारा : औषधिय तेल, दूध, तक्र आदि की धारा के रूप में ललाट पर डाला जाता है।
-शिरोबस्ती : औषधिय तेलों को सिर पर भरकर रखा जाता है।

Hindi News / Pali / VIDEO : फिर से खुले आयुर्वेद के द्वार, अब दवा संग ‘पंचकर्म’ से मिट रहा मर्ज

ट्रेंडिंग वीडियो