scriptसवाल, आगरा में बन रहे मुगल संग्रहालय का नाम बदलना उचित है? | Question: Is it appropriate to change the name of the Mughal Museum | Patrika News
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सवाल, आगरा में बन रहे मुगल संग्रहालय का नाम बदलना उचित है?

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया, लोगों ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी…लेकिन सबसे ज्यादा जवाब यही है कि सरकार मूल मुद्दों पर ध्यान दे। पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं…

Sep 16, 2020 / 05:30 pm

shailendra tiwari

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मूल समस्याओं पर ध्यान दे सरकार
आगरा में बन रहे मुगल संग्रहालय का नाम बदला जा रहा है। मुझे लगता है सरकारें ऐसी चीजों पर हमारा ध्यान केंद्रित कर मूल समस्याओं से हमारा ध्यान भटका देती हैं। हम उनसे कब निपटेंगे? बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। रुपए की कीमत घटती जा रही है। पारस्परिक सौहार्द की भावना घटती जा रही है। सरकारों को मूलभूत समस्याओं की तरफ ध्यान देना चाहिए।
-पद्मजा शर्मा, जोधपुर
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शिवाजी के नाम पर राजनीति
आगरा में बन रहे मुगल संग्रहालय का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी के नाम रखना अनुचित हैै। नाम बदलने की बजाय हम ऐसा ही दूसरा संग्रहालय बनाकर उदारता का परिचय दे सकते हैं। छत्रपति शिवाजी एक महान व्यक्ति हैं। उनके नाम पर राजनीति करना उचित नहीं है।
-घनश्याम लाठी, अलोद, बून्दी
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राष्ट्रवादी विचारधारा को मजबूती
मुगल संग्रहालय का नाम बदलना उचित है। देश में के गांवों, शहरों, स्थान और प्रतीकों के नाम देश के वीरों जैस शिवाजी, महाराणा प्रताप, भगत सिंह आदि के नाम पर रखने चाहिए। जो माटी के सपूत थे और जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सब कुछ दे दिया, उनसे लोग शिक्षा भी लेंगे। इससे राष्ट्रवादी विचारधारा भी पोषित होगी।
-लालू वैष्णव प्रसाद, अगवरी, जालौर
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उचित नहीं है नाम बदलना
आगरा में बन रहे मुगल संग्रहालय का नाम बदलना उचित नहीं है, क्योंकि उसमें मुगलों की निशानियां रखी जाएंगी। मुगलों के पूर्वजों की वस्तुएं रखी जाएंगी। इसीलिए मुगल संग्रहालय का नाम बदलना उचित नहीं है। हां, अगर छत्रपति शिवाजी महाराज की वस्तुएं या उनके पूर्वजों की निशानी का संग्रह होता, तो नाम बदलना उचित होता है।
-मोहम्मद रफी अहमद, छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश
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मुगल हमारे आदर्श नहीं
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा में बन रहे मुगल संग्रहालय का नाम बदलने का ऐलान किया है। निश्चित ही यह सही भी है, क्योंकि मुगल विचारधारा गुलामी की मानसिकता दर्शाती है और इसी वजह से मुगलों के प्रतीक चिह्नों को हमें त्याग कर राष्ट्र के गौरव का बोध कराने वाले विषयों को बढ़ावा देने की जरूरत है। यह भी स्पष्ट है की हमारे आदर्श नायक कभी भी मुगल नहीं रहे और न ही हम उनको नायक के रूप में स्वीकार कर सकते। हमारे असली नायक तो छत्रपति शिवाजी महाराज हैं। इसलिए इनके नाम पर संग्रहालय बनाया जाना उचित होगा ।
-सुदर्शन सोलंकी, मनावर,धार, मप्र
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नाम नहीं काम पर ध्यान दे सरकार
सरकारें काम पर कम, नाम पर ज्यादा ध्यान दे रही है। नामकरण से ज्यादा सरकार कर्म पर ध्यान दे, तो विकास उसी से संभव है। सिर्फ नाम बदलते रहने से विकास संभव नहीं। मुगल काल में निर्मित लाल किला, ताज महल, कुतुबमीनार जैसे अनेक प्रसिद्ध स्थल हैं, जो भारत की पहचान बन गए हंै।
-गलबाराम सोलंकी, तखतगढ़
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गैर जरूरी मुद्दा
आज देश के जिस तरह के हालात हैं, उसमें किसी स्थान का नाम बदलने जैसे मुद्दे गैर जरूरी हैं। यदि मुगलों की निशानियों से इतनी ही तकलीफ है तो नाम क्या इन चीजों पर बुलडोजर चला देना चाहिए। जैसे ताजमहल, लाल किला, कुतुबमीनार।
-हुसैन इन्दौरी, पुणे, महाराष्ट्र
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नाम बदलना अनुचित .
अनेकता में एकता, भारतीय संस्कृति की विशेषता मानी जाती है। हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई आदि कोई भी सम्प्रदाय हो, देश के विकास में उन सब का योगदान रहा है। नाम बदलने से प्रतिशोध की बू आती है, जिससे राष्ट्रीय सांस्कृतिक एकता के सौन्दर्य बोध को आधात पहुंचता है।
-डॉ. ओमप्रकाश बरवड, झुन्झुनूं
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इतिहास को बदला नहीं जा सकता
भारत के इतिहास में मुगलों का भी जिक्र आएगा ही। इतिहास को बदला नहीं जा सकता। उत्तर भारत में कई ऐतिहासिक इमारतें मुगलों ने ही बनाई हैं। ऐसी इमारतों का नाम बदलना उचित नहीं है। सरकार को इस तरह के मुद्दों की बजाय देश की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए।
-रितु शेखावत, जयपुर
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दूषित मानसिकता
किसी शहर, किसी राष्ट्रीय स्मारक या अन्य किसी धरोहर का नाम बदलना भाजपा सरकारों का शगल बन गया है। बीजेपी नेताओं को इनमें राष्ट्रहित एवं राष्ट्र भक्ति नजर आ रही है, जबकि यह दूषित मानसिकता का संकेत है। नाम बदलने की बजाय नए स्टेशन, स्मारक या बाग बगीचे बनाकर नए नाम रखे जा सकते हैं।
-विनोद कटारिया, रतलाम
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मुगल हमारे नायक नहीं
मुगल संग्रहालय का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज रखना उचित होगा। मुगल हमारे नायक नहीं हो सकते हैं। शिवाजी महाराज का नाम राष्ट्रवाद और आत्मसम्मान की भावना का संचार करेगा। गुलामी की मानसिकता के चिन्ह्नों का अब कोई स्थान नहीं होना चाहिए। छत्रपति शिवाजी महाराज हम सब के नायक हैं।
-कल्पेश कटारा, डूंगरपुर
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गुलाम मानसिकता से आजादी
आगरा में बन रहे मुगल संग्रहालय का नाम बदलकर शिवाजी महाराज के नाम पर रखना उचित है। छत्रपति शिवाजी के नाम के होने से हमारे मन में एक नया जोश और आत्म सम्मान की भावना का संचार होता है। साथ ही आने वाली नई पीढ़ी में देशभक्ति की भावना का विकास होगा। आज हम जब स्वतंत्र भारत के नागरिक हैं, तो हमें मुगल शासकों की गुलामी को अपने दिलो-दिमाग से निकालना होगा।
-सुनिता पंचारिया, गुलाबपुरा
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ध्यान भटकाने की कोशिश
सरकार देश में कोरोना, सीमा विवाद, जीडीपी, महंगाई, बेरोजगारी जैसी गंभीर समस्याओं से निपटने में नाकाम है। अब नाम बदलने जैसे मुद्दों के जरिए ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है। दूसरों की बनाई चीजों के नाम बदलने की जगह स्वयं चीजें बनाकर नामकरण करते, तो ज्यादा अच्छा रहता।
-नासिर शाह, सीसवाली, बारां
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बदले जाने चाहिए नाम
मुगल संग्रहालय का नाम परिवर्तित कर छत्रपति शिवाजी के नाम पर रखा जाना उचित है। मुगलों के नाम पर भारत में जो भी इमारतें और स्मारक हैं, उनका नाम बदला जाना चाहिए। गुलामी की मानसिकता के प्रतीक चिह्नों को छोड़ राष्ट्र के प्रति गौरव का बोध कराने वाले विषयों को बढ़ावा देने की आवश्यकता गलत नहीं है।
-डॉ.अजिता शर्मा, उदयपुर
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नाम बदलने का दौर
गत कई वर्षों से सत्तासीन सरकारों द्वारा देश की विभिन्न इमारतों, सड़कों, संस्थाओं, योजनाओं के नाम परिवर्तन का एक दौर सा चल रहा है। इसी क्रम में आगरा में बन रहे मुगल संग्रहालय का नाम बदला जा रहा है, जो सर्वथा अनुचित है, क्योंकि हमारा देश सर्वधर्म समभाव मानता है। वैसे भी किसी भी नाम का अपना एक इतिहास होता है और जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी अनंत काल तक बना रहता है। नाम परिवर्तन करके ना केवल हम उसके ऐतिहासिक महत्व को खत्म कर देते हंै, बल्कि इतिहास को भी मिटाने का प्रयास करते हैं।
-विमल कुमार शर्मा, मानसरोवर, जयपुर
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पूर्वजों का सम्मान
नाम बदलना इतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना इतिहास को समझना। हमारे पूर्वजों का सम्मान करने के लिए हम ऐसे कदमों का स्वागत करते हैं। ये नाम हमें गुलामी का एहसास भी कराते हैं। अत: इन्हें बदल देना हमारी संस्कृति की पहचान बनाए रखने में सहायक सिद्ध होगा।
-सिद्धार्थ शर्मा, गरियाबंद, छत्तीसगढ़
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बुराई क्या है?
यूं तो कहा जाता है कि ऐतिहासिक स्थल के किसी भी भाग से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए, लेकिन भारत के मामले में हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यूनानी, तुर्की, मुगल ये सभी वे लोग थे, जिन्होंने न केवल भारत पर आक्रमण किया, बल्कि हमारी खुशहाल संस्कृति को भी नष्ट कर दिया। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति बच्चों को अपनी संस्कृति से परिचित कराने का प्रयास कर रहा है, तो इसमें बुराई क्या है?
-दिव्या शर्मा, बीबासर, झुंझुनू
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जरूरी मुद्दों से भटकती सरकार
मौजूदा कोविड-19 संक्रमण के दौर में लोगों के रोजगार छिन चुके हैं। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह खुद को जरूरी मुद्दों पर केंद्रित करें। यूपी सरकार आगरा में बन रहे मुगल संग्रहालय का नाम बदलने जैसे कार्यों पर समय और शक्ति खर्च कर रही है। इससे बेहतर यह है कि सरकार किसान, मजदूर और युवाओं के लिए काम करे।
-अली खान, जैसलमेर

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