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अमरीका की तरह भारत में भी बने ‘एफिशिएंसी डिपार्टमेंट’

मिलिंद कुमार शर्मा एम.बी.एम. विवि में प्रोफेसरशरद शर्मा बिग-फोर कंपनी में एग्जीक्यूटिवअमरीका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने हाल ही डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (सरकारी दक्षता विभाग) की घोषणा करके पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इस विभाग का मुख्य उद्देश्य प्रशासन में मानव संसाधन को कम कर कार्य क्षमता बढ़ाना व सेवा […]

जयपुरDec 04, 2024 / 09:41 pm

Sanjeev Mathur


मिलिंद कुमार शर्मा एम.बी.एम. विवि में प्रोफेसर
शरद शर्मा बिग-फोर कंपनी में एग्जीक्यूटिव
अमरीका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने हाल ही डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (सरकारी दक्षता विभाग) की घोषणा करके पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इस विभाग का मुख्य उद्देश्य प्रशासन में मानव संसाधन को कम कर कार्य क्षमता बढ़ाना व सेवा की लागत में कमी लाना है। भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में भी सरकारी कार्यों की दक्षता में सुधार की आवश्यकता लगातार रहती है। सरकारी तंत्र में सुधार के लिए एक समर्पित दक्षता विभाग की स्थापना से प्रशासनिक कार्यों की गति, पारदर्शिता और गुणवत्ता में महत्त्वपूर्ण सुधार आने की उम्मीद रहेगी। चूंकि विभाग का उद्देश्य सरकारी तंत्र को अधिक प्रभावी, उत्पादक और उत्तरदायी बनाना होगा, तो न केवल सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता में वृद्धि होगी, बल्कि सरकारी खर्चों का भी सही तरीके से उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा।
भारत में कई सरकारी विभाग और मंत्रालय हैं, जिनके बीच समन्वय की कमी और प्रशासनिक प्रक्रियाओं की जटिलता प्राय: कार्यों को धीमा कर देती है। सरकार में यदि एक दक्षता विभाग स्थापित किया जाए, तो यह नि:संदेह विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित कर सकता है, जिससे प्रशासनिक प्रक्रियाएं अधिक सरल, तीव्र और समयबद्ध हो सकती हैं। इसके अलावा, सरकारी दक्षता विभाग पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने में भी महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकता है। यह विभाग सरकारी संसाधनों के समुचित उपयोग की निगरानी करे, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सार्वजनिक धन का सही प्रकार उपयोग हो रहा है। नियमित रूप से ऑडिट और विभागीय कार्यों का मूल्यांकन कर यह विभाग यह भी तय कर सकता है कि जनता को उच्च गुणवत्ता की सेवाएं समय पर मिले। इससे सरकारी तंत्र में पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार की संभावना घटेगी।
इसके अलावा, यह विभाग डिजिटल इंडिया जैसे कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करने में भी सहायक हो सकता है, जिससे सरकारी सेवाओं का डिजिटलीकरण कर नागरिकों तक सेवाएं जल्दी और प्रभावी तरीके से पहुंच सकें। डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देना भी एक दक्षता विभाग का प्रमुख कार्य हो सकता है। सरकारी कार्यों में तकनीकी सुधार लाकर विभाग स्वचालन, डेटा संग्रहण और विश्लेषण को बेहतर बना सकता है, जिससे सरकारी कार्यों में त्रुटियों की संभावना कम हो सकती है। साथ ही, डिजिटलीकरण के माध्यम से सरकारी सेवाएं नागरिकों तक अधिक सुलभ और पारदर्शी तरीके से पहुंच सकती हैं, विशेष रूप से ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में। सरकारी दक्षता विभाग सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने और नवाचार को बढ़ावा देने में भी सहायता कर सकता है। दुनियाभर में कई देशों ने अपनी सार्वजनिक सेवा व्यवस्था को श्रेयस्कर बनाने के लिए नए विचारों और प्रणालियों को अपनाया है। भारत में भी ऐसे कई उदाहरण हो सकते हैं जहां यह विभाग देश-विदेश में लागू किए गए सर्वोत्तम प्रथाओं का अध्ययन करके उन्हें भारतीय संदर्भ में लागू कर सकता है। भारत में सरकारी संसाधनों का प्रबंधन हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है। चाहे वह वित्तीय संसाधन हों, मानव संसाधन हों या बुनियादी ढांचा, प्राय: उनका सही प्रकार व समयबद्ध प्रभावी उपयोग नहीं हो पाता है, जिसके चलते कई महत्त्वपूर्ण परियोजनाएं चरणबद्ध रूप में समय पर क्रियान्वित नहीं हो पाती है।
यह विभाग यह भी देख सकता है कि जहां संसाधनों की सबसे अधिक आवश्यकता है, वहां उनका सही प्रकार से उपयोग हो। इससे सरकारी व्ययों में कटौती और सरकारी कार्यों में अधिक उत्पादकता लाई जा सकेगी। भारत को प्राकृतिक आपदाओं, स्वास्थ्य संकटों और आर्थिक समस्याओं का प्राय: सामना करना पड़ता है। ऐसे संकटों के दौरान सरकार को त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता होती है। दक्षता विभाग संकट प्रबंधन को प्रभावी बना सकता है, यह सुनिश्चित कर सकता है कि आपातकालीन स्थितियों में सरकारी संसाधनों का सही उपयोग किया जाए और जनता तक त्वरित राहत पहुंचाई जाए। यदि सही तरीके से कार्यान्वित किया जाए, तो सरकारी दक्षता विभाग भारतीय सरकारी तंत्र में महत्त्वपूर्ण सुधार ला सकता है।

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