एमपी बोर्ड ने इसके लिए एडमिशन पालिसी में संशोधन करने का फैसला लिया है। बता दें कि, जनरल और ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों को करीब 1200 रूपए की परीक्षा फेस भरनी पड़ती थी जिससे विद्यार्थी खुश नहीं थे। हालांकि, परीक्षा फीस में एससी-एसटी वर्ग के बच्चों को पहले ही छूट दी गई है। बहरहाल, अब इस फीस का भुगतान मध्यप्रदेश सरकार करेगी।
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मध्यप्रदेश शासन के निर्देश पर साल 2018 से संबल योजना के कार्ड धारकों के बच्चों को भी फीस में छूट देने की योजना बनाई थी। इस फैसले से योजना के तहत संगठित क्षेत्र के श्रमिकों के करीब ढाई लाख बच्चो को इसका सीधा लाभ मिल रहा था। लेकिन साल 2024-25 में लाई गयी नई एडमिशन पॉलिसी के अन्तर्गत इस इस योजना को बंद कर दिया गया था जिससे इससे विद्यार्थी परेशान थे। बोर्ड के अधिकारियों ने इस योजना को बंद करने के पीछे कारण बताया कि यह प्रवेश नीति में त्रुटि की वजह से हुआ था। इसका एक कारण यह भी बताया गया था कि राज्य सरकार ने एमपी बोर्ड को पिछली परीक्षा राशियों का भुगतान नहीं किया था। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार ने 2018 में निर्देश दिए थे कि संबल योजना के तहत पात्र 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों की परीक्षा फीस एमपी बोर्ड वहन करेगा।
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एमपी बोर्ड के पीआरओ मुकेश मालवीय ने बताया कि 10वीं-12वीं के परीक्षा फॉर्म और ऑनलाइन में संबल योजना के छात्रों को फीस छूट का विकल्प दिया गया है। उन्होंने की 12वीं के परीक्षा फॉर्म सामान्य शुल्क 12 सौ रुपए के साथ 30 सितंबर तक जमा होना शुरू होंगे। यह प्रक्रिया 11 दिसंबर तक चलेगी। इसके बाद विलंब शुल्क लग जाएगा।