एक छोटे से गांव में तीन भाई-बहन रीमा, सीमा और रोहन रहते थे। छुट्टी के दिन उनका समय घर में खेलते और पढ़ते हुए बीतता था। रीमा और सीमा को क्राफ्ट बनाना बहुत पसंद था। एक दिन वे दोनों टेबल पर बैठकर पत्तों से कलाकारी कर रही थीं। वे पत्तों को जोड़कर अलग-अलग आकृ तियांं बना रही थीं और अपनी रचनात्मकता से बहुत खुश थीं। वहीं उनका छोटा भाई रोहन पास में कुशन पर आराम से लेटा था। उसके हाथ में एक मजेदार किताब थी, जिसे वह पूरी रुचि के साथ पढ़ रहा था। रोहन को किताबों से बहुत लगाव था और वह कहानी पढऩे में इतना मगन था कि उसे अपने आस-पास का भी ध्यान नहीं था। उसके पास ही म्यूजिक प्लेयर से धीमे-धीमे गाने की आवाज आ रही थी, जिससे उसका मन और भी आनंदित हो रहा था। रीमा और सीमा कभी-कभी रोहन की ओर देखकर मुस्कुरा देतीं, क्योंकि उन्हें पता था कि रोहन को उनकी कलाकारी में कोई दिलचस्पी नहीं थी। लेकिन तीनों का साथ ही उनके लिए काफी था। इस तरह वे सभी अपने-अपने तरीके से खुशी का अनुभव कर रहे थे। बड़ी बुकशेल्फ उनके पिता ने उनके लिए बनाई थी, जिसमें ढेर सारी किताबें और कुछ खिलौने भी रखे थे। किताबों और कला के इस माहौल में वे तीनों बहुत खुश थे। यह छोटा सा परिवार अपने आप में संपूर्ण था, जहां हर किसी को अपनी रुचि के अनुसार समय बिताने की पूरी स्वतंत्रता थी। सब एक-दूसरे का सम्मान भी करते थे।
………………………………………………………………………………………………………………. नानी का घर
गर्मी की छुट्टियों की बात है। चिंकी, पिंकी और राजू तीनों मौसेरे भाई बहन अपनी नानी के घर छुट्टियां बिताने गए हुए थे। एक दिन नानी पड़ोस में किसी काम से गई हुई थीं। तीनों ही खूब आनंद कर रहे थे। राजू को एक साथ तीन काम करने की आदत थी। वह जमीन पर लेटे-लेटे किताब पढ़ रहा था और साथ में पास ही रखे टेप रिकॉर्डर से गाने भी सुन रहा था। चिंकी और पिंकी टेबल पर रखे हुए ब्लॉक्स जमाने में व्यस्त थीं। उनके ठीक पीछे एक सुंदर सी अलमारी थी, जिसमें बहुत सारी छोटी-बड़ी किताबें बहुत सलीके से जमी हुई थीं। राजू जो किताब पढ़ रहा था उसका नाम मजेदार चुटकुले था। बीच-बीच में राजू चुटकुले सुनाता दोनों को हंसा रहा था। तभी अचानक से किसी ने दरवाजा खटखटाया। तीनों बच्चे ध्यान से सुनने लगे, तो पता चला कि खटखटाने की आवाज अलमारी के पीछे से आ रही थी। आवाज सुनकर तीनों बच्चे सहम गए। तभी चिंकी ने बहादुरी दिखाई और अलमारी के पास गई। सब सोच रहे थे कि अलमारी के अंदर से आवाज कैसे आ सकती है? फिर भी हिम्मत करके चिंकी ने उसका दरवाजा खोला। जैसे ही दरवाजा खुला, देखकर तीनों के तीनों दंग रह गए, क्योंकि उसके अंदर चाबी वाला बंदर था और अचानक से चाबी लग जाने से वह खिलौना बंदर नाचने लगा था। इसलिए आवाज आ रही थी। तीनों हंसने लगे और वापस अपने-अपने काम में व्यस्त हो गए। शाम को नाना और नानी को जब बच्चों ने बंदर वाली बात बताई, तो सब मिलकर खूब हंसे। राजू ने चुटकुले सुनाए और बहनों ने अपना बनाया ब्लॉक दिखाया। इस तरह नाना-नानी का अच्छा समय बीता।
………………………………………………………………………………………………………………. शौक बदल गया
यह बात उन दिनों की है, जब मैं गर्मी की छुट्टियों में अपने नानी के घर जाती थी। मेरी मामी के दो बच्चे हैं अंश और मिली। गर्मी की छुट्टियों में हमें नानी के घर जाने का इंतजार रहता था। मैं और मिली एक साथ बहुत मस्ती करते थे। अंश हमारे साथ नहीं खेलता था, क्योंकि उसे संगीत सुनने का बहुत शौक था और जब भी समय मिलता, वह संगीत सुनता। किसी की भी बातों पर ध्यान नहीं देता था। एक न्यू हैडफोन मामा जी ने उसको पिछले बर्थडे पर गिफ्ट किया था। एक दिन की बात है। मैं और मिली खेल रहे थे। मामी और नानी अपने कामों मे व्यस्त थे, तभी अंश के जोर-जोर से रोने की आवाज आई। हम सब उसके पास गए, तो पता चला उसके कानों में दर्द हो रहा था। उसको डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने मामा जी से अंश की दिनचर्या पूछी। उसके बाद डॉक्टर ने बताया कि लम्बे समय तक हैडफोन लगाने से यह दिक्कत हुई है। डॉक्टर ने दवाई दी और कहा गाने नहीं सुनने हैं। हैडफोन से दूरी बनाकर रखनी है। फिर कुछ दिन में अंश ठीक हो गया।
………………………………………………………………………………………………………………. तीन दोस्त
एक गांव में तीन अच्छे दोस्त रहते थे। जयवीर, मेघा और शालू। एक दिन गांव में भारी बारिश हो रही थी जिसके चलते सरकार ने स्कूलों की छुट्टी कर दी। वे तीनों बच्चे बहुत खुश हुए। उन तीनों ने तय किया कि वे तीनों साथ में समय बिताएंगे। वे शालू के घर मिलने का तय करते हैं। वहां मस्ती करते हैं। थोड़ी देर बाद जयवीर किताब पढऩे लगा। मेघा और शालू वहां पर पजल सुलझाने लगती हैं। जयवीर किताब पढ़ते हुए गाने सुनने लगता है क्योंकि उसे गाने सुनते-सुनते किताब पढऩा अच्छा लगता था। थोड़ी देर बाद जयवीर शालू और मेघा से पूछता है कि वह दोनों क्या कर रही हैं। मेघा कहती है, हम अपने मानसिक विकास के लिए पजल सुलझा रहे हैं। जयवीर बोला यह कितना उबाऊ खेल है। इससे अच्छा तो किताबें पढ़ लो। शालू ने कहा,तुम तुम्हारे मनोरंजन के लिए किताबें पढ़ रहे हो और हम अपने मानसिक विकास के लिए पजल सुलझा रहे हैं। अगर तुम ज्ञान के लिए ही किताबें पढ़ो, तो अच्छा हो। तुम तो संगीत के साथ पढ़ रहे हो। इससे क्या फायदा। तब जयवीर को बात समझ में आई और वह शांति से बैठकर किताब पढऩे लगा। इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें शारीरिक और मानसिक विकास के लिए रुचियां रखनी चाहिए।
………………………………………………………………………………………………………………. पापा ने दी सीख
दो बहनें थीं। उनका नाम था मायरा और रिद्धि। उनका एक बड़ा भाई था। उसका नाम था वंश। वंश दोनों बहनों को परेशान करता था। एक दिन उन्हें एक आइडिया आया कि वे अपने भाई को सबक सिखाएंगी। उन्होंने टॉयज वाले बहुत सारे कॉकरोच और छिपकली रख लिए और फिर जब वंश हैडफोन लगाकर पढ़ाई कर रहा था, तब रिद्धि और मायरा ने वंश के ऊपर उन्हें फेंक दिया। अचानक वंश ने देखा, तो डरकर चिल्लाकर भाग गया और फिर यह बात उसने पापा को बताई। पापा ने रिद्धि और मायरा को बुलाया और दोनों से वंश को परेशान करने का कारण पूछा, तब उन्होंने बताया कि हम जब भी पजल सॉल्व करते हैं, तो वह हमारा पजल खराब करके फेंक देता था। इसीलिए हमने उसे सबक सिखाने के लिए उसके ऊपर टॉयज कॉकरोच और छिपकली फेंक दिए। तब पापा ने तीनों बच्चों को समझाया कि आप कभी भी एक दूसरे को परेशान मत करो। इससे तुम्हें दिक्कत होगी। मिल-जुलकर रहने और काम करने से ही सफलता मिलती है।
एक बार की बात है। तीन बच्चे एक कमरे में बैठे थे। दो लड़कियां थीं और एक लड़का था। वह उनका भाई था। वह लड़का गाने सुन रहा था और एक किताब पढ़ रहा था और दोनों लड़कियां पहली सुलझा रही थीं। उनके पीछे एक अलमारी थी। उसमें किताबें रखी थीं। वह गाने सुन रहा था। एक बहन बोली आवाज कम कर। लड़का बोला मुझे तेज आवाज में गाना सुनना पसंद है। इतने में ही दूसरी बहन बोली कि यह सही बोल रही है गाना बहुत तेज बज रहा है। वह तीनों लडऩे लगे। फिर उनकी मम्मी आई। उन्होंने समझाया की बेटा ऐसे नहीं लड़ते। तुम साथ मिलकर रहना चाहिए। तभी आगे बढ़ोगे।