प्रतिभा करंजी के चार बार विजेता भागवत थिएटर भी करते हैं। वे क्लस्टर, ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर सांस्कृतिक और साहित्यिक प्रतियोगिताओं से जुड़े कार्यक्रम प्रतिभा करंजी के चार बार विजेता रहे हैं।
स्टोरी ऑफ वैक्सीन उन्हें पिछले साल विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा एडवर्ड जेनर से लेकर भारतीय संतों तक वैक्सीन की खोज की यात्रा को दर्शाने वाले ‘स्टोरी ऑफ वैक्सीन’ नामक विज्ञान नाटक के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार भी दिया गया था। आधे घंटे के इस नाटक में उनके हाई स्कूल के छात्रों ने अभिनय किया जबकि भागवत ने इसकी पटकथा लिखी और संगीत तैयार किया।
ई-कंटेंट और मुफ्त किताबें शिक्षा के साथ रंगमंच को मिश्रित करने की उनकी क्षमता और सफलता उन्हें अन्य शिक्षकों से अलग बनाती है। इसकी बानगी कोविड-19 महामारी के दौरान देखने को मिली। डीडी चंदन चैनल के लिए ई-कंटेंट तैयार करने अलावा इन्होंने बच्चों के लिए स्कूल में मुफ्त किताबें उपलब्ध करवाईं।
सिलेबस नाटक रंगमंचकर्मी और बच्चों के रंगमंच के विशेषज्ञ भागवत ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान उन्होंने अन्य शिक्षकों की मदद से ‘गुरु बलगा’ नामक एक मंडली बनाई। विद्यार्थियों को थिएटर का उपयोग करके शिक्षित करने के लिए एक अनूठी विधि शुरू की। पाठों को नाटकों में परिवर्तित करके पढ़ाया। इसे पाटा नाटक (सिलेबस नाटक) का नाम दिया गया।
वॉयस नोट्स भागवत ने कन्नड़ अध्यायों से संबंधित नाटक के रूप में वॉयस नोट्स भेजने के लिए राज्य भर के कन्नड़ शिक्षकों को संगठित किया। लॉकडाउन lock down के दौरान पढ़ाई को मजेदार और नाटकीय बना दिया। उन्होंने राज्य भर के सभी कन्नड़ शिक्षकों द्वारा भेजे गए वॉयस नोट्स को एकत्र किया और इसे ऑनलाइन नाटक के विभिन्न एपिसोड में बुना। इनमें नाटकीय और कलात्मक रूप में व्यक्त कन्नड़ भाषा के कुछ पाठ शामिल थे। छात्रों को देखने और सीखने के लिए लगभग 10 एपिसोड You Tube पर अपलोड किए गए थे।
बच्चों के लिए थिएटर कक्षाएं भी इसके अलावा भागवत अपने छात्रों के लिए रविवार को थिएटर क्लास Theatre Class चलाते हैं, जहां वे अपने छात्रों को अभिनय का प्रशिक्षण देते हैं। उनके नाटक विज्ञान से लेकर साहित्य और सामाजिक विज्ञान तक के विषयों का मिश्रण होते हैं।
व्यक्तित्व विकास पर भी जोर भागवत के अनुसार पढ़ाई और कौशल के साथ समावेशी विकास महत्वपूर्ण है। नाटक, नृत्य व अन्य कला माध्यमों द्वारा वे बच्चों के मौखिक और गैर-मौखिक संचार में सुधार पर जोर देते हैं। उन्होंने स्कूल के बच्चों को खुद का मासिक समाचार पत्र Newspaper निकालने के लिए प्रेरित किया। इसमें स्कूल में पिछले 30 दिनों में हुई महत्वपूर्ण घटनाओं, कार्यक्रमों वे सफलता की कहानियों सहित अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों की रिपोर्टिंग reporting होती है। विचार यह है कि कन्नड़ में उनकी शब्दावली में सुधार हो और उन्हें पत्रकारिता के महत्व को समझने में भी मदद मिले। भागवत चाहते हैं कि छात्र ऐसी गतिविधियों के माध्यम से स्वतंत्र निर्णय लेने, राय बनाने और सार्वजनिक स्थानों पर बोलने में सक्षम हों।