पिछले पांच सालों में निवाड़ी जिले के किसानों ने मूंगफली को बोवनी को खासा बढ़ावा दिया है। वर्ष 2020 में जहां किसानों ने 36.30 हैक्टेयर में मूंगफली को बोवनी की थी तो 2021 में इसका रकवा बड़ कर 39.97 हैक्टेयर, 2022 में 45.09 हैक्टेयर और 2023 में यह 5६.२० हैक्टेयर हो गया था। वहीं इस बार विभाग ने इसे 200 हैक्टेयर तक जाने का अनुमान लगाया है। वहीं खरीफ में बोई जाने वाली उड़द और मूंग के रकवा पर नजर डाले तो किसान इसे कम करते जा रहे है। वर्ष 2021 में निवाड़ी जिले में उड़द का रकवा २८.०८ तो 202२ में 2४.0१ तो 202३ में 2६.०0 हैक्टेयर था। इसके साथ ही इस बार विभाग ने इसे लक्ष्य में शामिल नहीं किया है। वहीं अन्य फसलों के मुकाबले मूंगफली की प्रति हैक्टेयर पैदावार भी अच्छी बताई जा रही है।
निवाड़ी में बदल रहे खरीफ फसल के ट्रेंड को लेकर कृषि वैज्ञानिक डॉ. योग रंजन का कहना है कि मौसम के बादल के बाद किसानों ने अपनी फसल को बदल दिया है। उनका कहना है कि बारिश की अनियमितता और मौसम में बदलाव के बाद पारंपरिक तरीके से उगाई जाने वाले मूंग, उड़द और सोयाबीन की फसलों में कीट व्याधी की परेशानी बढ़ने लगी थी, जबकि मूंगफली के साथ यह परेशानी है। मूंगफली जमीन के अंदर होती है। ऐसे में कम अधिक बारिश से भी इस पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता नहीं है। वहीं यहां की जमीन हल्की होने के कारण मूंगफली के उपयुक्त है। ऐसे में किसानों को इसकी अच्छी उपज मिल रही है।
फसल 2021 2022 2023
उड़द 28.98 24.01 26.00
मूंग 0.96 1.38 1.40
सोयाबीन 0.13 0.37 0.44
मूंगफली 39.97 42.30 46.20