गुरुवार को उसने आरोप लगाया, “मुझे नहीं पता कि क्या हुआ, उन्होंने उसे लॉकअप में डाल दिया। जब मैंने आवाज़ उठाई कि वे सेना के अधिकारी को हिरासत में नहीं रख सकते क्योंकि यह गैरकानूनी है, तो दो महिला अधिकारियों ने मेरे साथ मारपीट शुरू कर दी। मैं उनसे रुकने की विनती करती रही, लेकिन वे नहीं रुके।”
महिला ने आगे आरोप लगाया कि महिला पुलिसकर्मी ने उसे गलियारे में घसीटा और जब अधिकारी ने उसकी गर्दन पकड़ने की कोशिश की, तो उसने विरोध किया और उसके हाथ को काट लिया। उसने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उसके हाथ-पैर बांधकर उसे एक कमरे में डाल दिया। महिला ने कहा, “कुछ देर बाद, एक पुरुष अधिकारी ने दरवाज़ा खोला और मेरे छाती पर कई बार लात मारी और चला गया।” महिला ने आरोप लगाया, “इसके बाद आईआईसी आया, उसने मेरी पैंट और अपनी पैंट भी नीचे कर दी। उसने अपना प्राइवेट पार्ट दिखाते हुए मुझसे पूछा कि तुम कब तक चुप रहना चाहती हो।”
‘चौंकाने वाला, समझ से परे’: नवीन पटनायक
इस घटना की निंदा करते हुए ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेडी अध्यक्ष नवीन पटनायक ने शुक्रवार को अदालत की निगरानी में एसआईटी जांच और घटना की न्यायिक जांच की मांग की।रविवार को पश्चिम बंगाल में तैनात सेना के अधिकारी और उनकी मंगेतर ने स्थानीय युवकों से जुड़ी एक रोड रेज घटना के बारे में शिकायत दर्ज कराने के लिए भरतपुर पुलिस स्टेशन का रुख किया था। हालांकि, रिपोर्ट दर्ज करने को लेकर पुलिस के साथ उनकी बहस हो गई।